तेजप्रताप ने धारण किया रौद्र अवतार, शांत कराने लालू ने दिल्ली से बुलाया ज्योतिषाचार्य
सिटी पोस्ट लाइव : तेजप्रताप यादव इन दिनों पार्टी और अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से बेहद नाराज हैं. जिसके कारण वे पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रियता बिल्कुल नहीं दिखा रहे हैं. तेजप्रताप लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान देते रहे हैं. कभी अपनी उपेक्षाओं को लेकर तो कभी पार्टी में उनकी अनदेखी को लेकर. यहां तक कि कुछ दिनों पहले तेजप्रताप साधू बनकर द्वारका जाने की भी बात कह चुके हैं. वहीं उनके इस रवैये से लालू एंड फैमिली बेहद परेशान हैं. इस समस्या का समाधान निकालने के लिए और तेजप्रताप के मन को शांत करने के लिए, लालू ने अपने घर दिल्ली के महान ज्योतिषाचार्य को बुलाया है. ताकि लालू पर कारागार का साया और तेजप्रताप के अशांत स्वाभाव पर लगाम लगाया जा सके.
खबर है कि राबड़ी देवी के आवास पर आज सुबह दिल्ली से एक ज्योतिषाचार्य आए हैं. जो तेजप्रताप की कुंडली और उनके भविष्य की जानकारी देख रहे हैं. लालू के सबसे चहेते और प्यारे बेटे तेजप्रताप पर अंजान साए होने की भी बात अफवाह में है. बता दें शादी के एक महीने बाद से ही तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच खटास पैदा होने की खबर सामने आई थी. इतना ही नहीं पार्टी में उनकी पूछ न होने से भी वे बेहद नाराज थे, जिसके बाद उन्होंने ट्विट कर अपनी पीड़ा जाहिर की थी. उन्होंने लिखा था कि पार्टी में मेरी बातें कोई नहीं सुनता है. आरजेडी के नेता मेरे फोन का कोई रिस्पॉन्स तक नहीं देते हैं.
बता दें लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी को अपने जिगर का टुकड़ा बताते रहे हैं. तेजस्वी को वो मुख्यमंत्री बनते भी देखना चाहते हैं. लेकिन जहाँ तक पार्टी की कमान की बात है उसके ऊपर वो अपना ही कमांड रखना चाहते हैं. उन्हें किंगमेकर की भूमिका पसंद तो है लेकिन नाम वाला किंग मेकर नहीं, असली किंगमेकर बनना चाहते हैं. लेकिन वे लगातार उपेक्षाओं का शिकार बनते रहे हैं. जिसे लेकर उन्होंने ट्विट कर कहा था कि “अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं”. अब कुछेक “चुग्लों” को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं.
गौरतलब है कि पार्टी में तेजप्रताप को तबज्जो नहीं दिया जाता. जिस कारण वे लगातार अपने छोटे भाई और पार्टी के कुछ लोगों से नाराज रहते हैं. वहीँ पिछले दिनों कांग्रेस द्वारा पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी को लेकर किये गए भारत बंद में, तेजस्वी तो सामने आए, लेकिन तेजप्रताप दिखाई नहीं दिए. इतना ही नहीं सत्तू पार्टी करने के बाद से ही तेजप्रताप कहीं गुम से हो गए हैं. पिछली बार जब सन्यास लेने वाली बात कही थी तो राजनीतिक पार्टियों ने कयास लगाने शुरू कर दिए थे कि शायद तेजप्रताप राजनीति से संन्यास लेने का विचार कर रहे हैं.
लेकिन इस बार लगता है मामला कुछ ज्यादा बिगड़ चूका है. तभी तो लालू को अपने घर दिल्ली से ज्योतिषाचार्य को बुलाने की जरुरत आन पड़ी. अब देखना है कि तेजप्रताप जो कभी कृष्ण तो कभी शंकर का भेष धारण कर चर्चा में बने रहे हैं. इस बार उनके रौद्र अवतार का उनका परिवार कोई तोड़ निकाल पाता है या नहीं.
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