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कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष की बड़ी है चुनौती, पहले दिन ही दो-फाड़ दिखी कांग्रेस

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कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष की बड़ी है चुनौती, पहले दिन ही दो-फाड़ दिखी कांग्रेस

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष मदन मोहन झा और सभी पदाधिकारियों ने शुक्रवार को प्रभार तो संभाल लिया. लेकिन इस प्रभार ग्रहण समारोह में कांग्रेस के अंदर चल रहा घमशान भी उजागर हो गया.नए प्रदेश अध्यक्ष ने याचक की भूमिका में नहीं रहने का बड़ा एलान तो कर दिया है लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी की गुटबंदी है. प्रभार ग्रहण समारोह में कई बड़ नेताओं की गैर मौजूदगी को पार्टी के अंदर चल रहे घमाशान को उजागर कर गया.

कांग्रेस को एक मजबूत टीम मिलने के नए प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के दावे की हवा पहले दिन ही निकल गया .पहले दिन ही पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी खुलकर सामने आ गई .सदाकत आश्रम में शुक्रवार को आयोजित पद ग्रहण समारोह में गुटबाजी और नेताओं की नाराजगी सबके सामने आ गई. कांग्रेस के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की पूर्व सूचना रहने के बाद भी बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी, विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा, विधायक दल के नेता सदानंद सिंह मंच पर नजर नहीं आए.जो नेता नजर आये भी खुश नजर नहीं आये.

कांग्रेस नेता सफाई देते नजर आये. उन्होंने कहा कि शक्ति सिंह गोहिल स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो .कौकब कादरी ने कहा उन्हें पारिवारिक कारणों से दिल्ली जाना था. इस वजह से प्रभार देकर एयरपोर्ट चले गए. प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा वे हैदराबाद में होने की वजह से कार्यक्रम में नहीं शरीक हो पाए. जबकि, विधायक दल के नेता सदानंद सिंह के कार्यालय ने जानकारी दी कि वे भागलपुर से समारोह में शामिल होने के लिए रवाना तो हुए, लेकिन समय पर कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके.

पहले दिन ही पार्टी बिखरी नजर आई. लेकिन  प्रभार ग्रहण के बाद नवनियुक्त अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि आने वाला समय कांग्रेस का है. चारो ओर कांग्रेस ही नजर आएगी. मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार कांग्रेस को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक शक्तिशाली टीम दी है. टीम में चार कार्यकारी अध्यक्ष, प्रचार अध्यक्ष के साथ ही कार्यकारिणी और सलाहकार टीम के दूसरे सदस्य .सब अनुभवी लोग हैं. व्यवस्था बदलने के बाद ग्रुप बनाने की जो परंपरा रही है उसका मौका इस बार नहीं मिलेगा. बिहार को अच्छे वक्त में अच्छी टीम मिली है.उन्‍होंने कहा कि जनता नरेंद्र मोदी सरकार की नाकामियों और झूठे वायदों को परख चुकी है. अब हम याचक नहीं रहेंगे, बल्कि अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे.

प्रचार कमेटी के अध्यक्ष सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं से कहा कि कांग्रेस अब राज्य और देश के स्तर पर काफी मजबूत स्थिति में है. कई दल कांग्रेस के दरवाजे पर एलायंस के लिए खड़े .अब हम यह तय करेंगे कि कौन सी सीट हमें चाहिए और उस सीट पर हमारा कौन सा प्रत्याशी खड़ा .सीटें कम और ज्यादा हो सकती हैं, लेकिन महागठबंधन के सभी उम्मीदवार जीतें प्रयास इसके होने चाहिए.

प्रभारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह धीरज ने कहा कि कांग्रेस को दोबारा मजबूत करने का वक्त है. आज हमें बैसाखी नहीं बल्कि जोश की जरूरत है. उन्होंने कहा हम दोस्ती तो करेंगे, लेकिन किसी का भार नहीं उठाएंगे. धीरज ने कहा सीट बंटवारे के बाद कांग्रेस अपना प्रत्याशी खुद चुनेगी.डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि देश के साथ ही आज बिहार में एनडीए और नीतीश सरकार का बुरा हाल है और लोग कांग्रेस की ओर उम्मीद से देख रहे हैं. एनडीए और जदयू ने कांग्रेस की जीत की राह आसान कर दी है. बस थोड़ी सी मेहनत कर हम इन्हें सत्ता से बाहर कर सकते हैं.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि आज राजनीतिक दलों पांच से दस साल चलते हैं, लेकिन कांग्रेस सौ वर्ष से अधिक पुरानी पार्टी है. हमारे यहां अभिभावक के रूप में एक अध्यक्ष होता है.उसी के नेतृत्व में पार्टी के नेता, कार्यकर्ता काम करते हैं. हमें अपने संगठन को बिहार में और मजबूत बनाने के लिए जी जान से जुट जाना होगा.लेकिन कांग्रेस नेताओं के इस दावे की हवा गुटबाजी ने निकाल दी है. अब आनेवाला वक्त ही बतायेगा कि क्या कांग्रेस अपने अंदर चल रहे इस घमशान की वजह से अपने पुराने हश्र को प्राप्त होती है या फिर आगे बढ़ पाती है.

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