भगवान् विश्वकर्मा के दरबार में अधर्म का जलवा,कानून बना चौकीदार
भगवान् के सामने परोसी गई अश्लीलता, फूहड़ता और शराब
भगवान् विश्वकर्मा के दरबार में अधर्म का जलवा,कानून बना चौकीदार
सिटी पोस्ट लाइव : वैसे तो माफियाओ का शहर कोयलांचल धनबाद का अपराध और ऐयासी से पुराना नाता रहा है, लेकिन ये ऐय्याशी धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा बनने लगे तो. जी हां इन दिनों कोयलांचल धनबाद में आयोजित होने वाली लगभग हर धार्मिक अनुष्ठानों में समाज के ठेकेदार अपनी हवस और ऐयाशी का शौक पूरा करने के लिए बार बालाओं के अश्लील नृत्यों का आयोजन कर धर्म को अश्लीलता के साथ जोड़ने में लगे है.
भगवान् के सामने परोसी गई अश्लीलता, फूहड़ता और शराब –
पुरे देश के साथ-साथ कोयलांचल धनबाद में भी कल शिल्पराज भगवान् विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना बड़े ही भक्ति-भाव के साथ की गई. मंदिर के घंटा और मृदंग की ताल पर भगवान् विश्वकर्मा की आरती कर उन्हें प्रशन्न करने का प्रयास किया गया। लेकिन कोयलांचल धनबाद का कुछ हिस्सा ऐसा भी था जहाँ भगवान् के आगे भक्ति-भाव की जगह अश्लीलता और आरती की जगह फूहड़ गाने प्रस्तुत किये गए। इतना ही नहीं भगवान् के इस दरबार में प्रसाद की जगह शराब बांटे गए। अश्लीलता भी इतनी की उसे देखने और सुनने वाले शर्म से पानी-पानी हो जाए.
रीति-रिवाज और संस्कार झुकी बालाओं के आगे – ये तस्वीर धनबाद के झरिया स्थित साउथ तीसरा और अलकडीह थाना क्षेत्र की है. जहाँ आस्था के नाम पर जमकर अश्लीलता और फूहड़ता परोसी गई. शराब और हवस के नशे में मदमस्त यहाँ जमी भीड़ इस अश्लील दृश्य को एक बार देखने के लिए मानो लालायित हो रही थी, घर में दो जून की रोटी के लिए तरसने वाले, यहाँ बार बालाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उनके ऊपर नोटों की बारिश कर रहे थे। ‘जितना अश्लील नृत्य उतनी ही ज्यादा रुपयों की बरसात’ बस यही नियम इस महफिल में काम कर रही थी. बार बालाए भी भीड़ की मांग और रुपयों की लालच में अश्लीलता की सारी हदे लांघे जा रही थी. वही इस अश्लील सभा में प्रवेश के लिए न तो उम्र की कोई सिमा तय की गई थी, और न ही यहाँ संस्कारो के लिए यहाँ कोई जगह थी। यहाँ मौजूद भीड़ का बस एक ही धर्म था हवस का. विस्वास न हो तो जरा इस तस्वीर पर गौर कीजिए. नाती, पोते को रीति-रिवाजों और संस्कारो के पाठ पढ़ाने की उम्र में ये बुजुर्ग हवस में अंधा होकर अपनी बेटी की उम्र की बार बालाओं के कदमो के नीचे कैसे लोट-पोट हो रहा है.
अधर्म के दरबार में कानून बना चौकीदार –
समाज के ठेकेदारों की मर्जी से यह धार्मिक अनुष्ठान कुछ ही समय में पूरी तरह से एक ऐय्याशी के अड्डे के रूप में तब्दील हो चूका था. और ऐय्याशी का यह अड्डा सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से भी पूरी तरह से परिपूर्ण था, क्योंकि इसकी चौकीदारी खुद कानून के रखवाले कर रहे थे. शराब और हवस के नशे में मदमस्त होकर भीड़ अब बारबालाओं को पाने के लिए बेकाबू हुए जा रही थी। भीड़ पागल होकर एक-दूसरे पर हमला भी करने लगी थी. तभी इस अश्लीलता के अड्डे के चौकीदार वहा पहुँच स्थिति को तुरंत अपने काबू में कर लेते है.
क्या इन्ही संस्कारो के बलबूते भारत बनेगा विश्व गुरु –
एक ओर हमारा देश सदियों पुराने धर्म, विद्या, ज्ञान और संस्कारो का हवाला दे कर विश्व गुरु की ख्याति पाना चाहता है, वही उसी भारत में धर्म, ज्ञान और संकारो को ताख पर रख यहाँ का समाज अपनी बौनी सोच का प्रदर्शन करता फिर रहा है. बहरहाल कोयलांचल में इन दिनों शुरू हुई अश्लीलता की ऐसी परम्परा की खूब चर्चा सुनी जा रही है.
यह भी पढ़ें – स्किल इंडिया कैंपेन के ब्रांड एंबेसेडर बने बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन और अनुष्का शर्मा
Comments are closed.