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निशिकांत दुबे का पैर धोकर बीजेपी कार्यकर्ता ने पीया, सोशल मिडिया पर बुरे फंसे सांसद

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निशिकांत दुबे का पैर धोकर बीजेपी कार्यकर्ता ने पीया, सोशल मिडिया पर बुरे फंसे सांसद

सिटी पोस्ट लाइव : गोड्डा के कनभारा में रविवार को बीजेपी कार्यकर्ता पवन साह ने सांसद निशिकांत दुबे का पैर धोकर पी लिया. सांसद यहां पुल का शिलान्यास करने पहुंचे थे. निशिकांत दुबे ने पैर धोनेवाली तस्वीर फेसबुक पर डाली और लिखा कि आज मैं अपने आप को बहुत छोटा कायकर्ता समझ रहा हूँ, भाजपा के महान कार्यकर्ता पवन साह जी ने पुल की ख़ुशी में हज़ारों के सामने पैर धोया व उसको अपने वादे पुल की ख़ुशी में शामिल किया, काश यह मौक़ा मुझे एक दिन माता पिता के बाद मिले, मैं भी कार्यकर्ता ख़ासकर पवन जी का चरणामृत पियूँ.

जिसके बाद सांसद की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. साथ ही सांसद फेसबुक पर ट्रोल भी हो गए. कई लोगों ने उन्हें भरा बुरा कहा. तो किसी ने इसे पुराने समय से चली आ रही परम्परा करार दिया. वहीँ एक युसर ने कहा कि तुम ब्राह्मण नहीं हो. ब्राह्मण तो मन वचन और कर्म से बनता है. और ये घमंड तो तुम्हें नीचत्व का भागी बनाता है. मूर्खता व अहं की पराकाष्ठा है ये. ऐसे कई कमेंट के बाद निशांत दुबे ने फिर पोस्ट डाला और लिखा कि अपनो में श्रेष्ठता बांटी नहीं जाती और कार्यकर्ता यदि खुशी का इजहार पैर धोकर कर रहा है तो क्या गजब हुआ?न्होंने जनता के सामने क़सम खाया था, उनको ठेस ना पहुंचे सम्मान किये. पैर धोना तो झारखंड में अतिथि के लिए होता ही है, सारे कार्यक्रम में आदिवासी महिलाएँ क्या यह नहीं करती हैं? इसे राजनितिक रंग क्यूं दिया जा रहा है. पैर अतिथि का धोना गलत है, अपने पुरखो से पुछीये, महाभारत में कृष्ण जी ने क्या पैर नहीं धोया था? लानत है घटिया मानसिकता पर. इस पोस्ट के बाद फिर सांसद ट्रोल हुए. उनकी फोटो के साथ ख़बरों की सुर्खियां बन गई. जिसके बाद फिर उन्होंने पोस्ट कर अपनी सफाई पेश की.

उन्होंने अपनी सफाई में लिखा कि क्या मैं अपने मॉं पिताजी को बदल दूँ ? क्या मैं जाति से ब्राह्मण हूँ, इसलिए मेरे साथ मेरे मॉं पिताजी गाली के हक़दार हैं? किसी ने पीया या नहीं पिया मैंने अपने शिक्षक बेचू नारायण सिंह जो जाति से कुरमी थे, उनका पॉव धोकर पीया है? किसी दिन पवन जैसे कार्यकर्ताओं का चरणामृत लेने का सौभाग्य मुझे मिलेगा, क्योंकि उन जैसे लोगों के कारण ही मैं जनता के बीच ज़िन्दा हूँ। पिछले 9 साल में मैंने किसी कार्यकर्ताओं को ठेका पट्टा नहीं दिया है. हज़ारों की भीड़ के सामने जब यह वाक्या हुआ. मैंने ख़ुद लोगों को बताया.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के सिद्धांतों के लिए मुझे बचाने के लिए गोली खाई है. भागलपुर के कार्यकर्ता सचिन की मृत्यु तक हो चुकी है. प्रदीप यादव के लोग जब मुझे पीट रहे थे तो चक्रधर यादव जी जैसे बुज़ुर्ग कार्यकर्ता ने ही लाठी खाई, जसीडीह स्टेशन पर लोगों ने नंगा कर पीटा. कमरगामा में जब मुझे जला रहे थे तो शीतल, अमन व विष्णु जी ही किरासन तेल अपने उपर डलवा रहे थे, मुझे गर्व है मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूँ. अभी भी गोड्डा लोकसभा के कुल 1000 कार्यकर्ता जेल जाकर केस लड़ रहे हैं. कास फ़ेसबुक के मित्र प्यार समर्पण त्याग को जमीन पर आकर देखते.

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