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शराब के अवैध कारोबार में शामिल पुलिसवालों को सेवा में रहने का अधिकार नहीं

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शराब के अवैध कारोबार में शामिल पुलिसवालों को सेवा में रहने का अधिकार नहीं

सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एकबार फिर से अधिकारियों को चेता दिया है कि शराबबंदी को लेकर किसी तरह की कोताही वो बर्दाश्त नहीं करेगें. 15 सितम्बर को मद्य निषेध से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शराबबंदी को सफल बनाने के लिए अबतक की गई कारवाईयों का जायजा लिया.समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अब तक थाने या अन्य जगहों पर जो देशी और विदेशी शराब बरामद कर रखी गईं हैं, उसे हर हाल में 30 सितंबर तक नष्ट करने की कार्रवाई सुनिष्चित करें. साथ ही शराब बरामद होने के 15 दिनों के अंदर उसे नष्ट करने की प्रक्रिया पूर्ण करने की व्यवस्था सुनिष्चित की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के पूर्व जितने लोग शराब के धंधे में लगे हुए थे, उन पर निगरानी रखे जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद अब वे क्या कर रहे हैं, उनके ऊपर नजर राखी जाए. पुलिस अधीक्षक से शराब के अवैध कारोबार में शामिल  थानेदारों पर तत्काल कारवाई का आदेश दिया . मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों के शराब के कारोबार में शामिल होने का पुख्ता प्रमाण मिलता है, उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा. ऐसे लोगों को सरकारी सेवा में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस महानिदेशक, प्रधान सचिव गृह, अपर पुलिस महानिदेषक, आर्थिक अपराध इकाई एवं आईजी प्रोहिबिशन हर महीने नियमित रूप से मीटिंग करें. अगर नियमित रूप से हर महीने बैठक होगी तो मद्य निषेध से संबंधित कोई भी मुद्दा सामने आने पर उसे तत्काल दूर किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि नदी के माध्यम से भी शराब का आवागमन हो रहा है और इसकी रिपोर्ट विशेषकर वैशाली, छपरा और पटना से आ रही है. तीनों जिलों के एसपी आपस में मीटिंग कर इस पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें. इस काम में जो नदी थाने बनाये गये हैं, उसकी भी जिम्मेदारी तय की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश या अन्य राज्यों से शराब की जो खेप आ रही है, उसके स्रोत तक पहुँचना होगा. शराबबंदी लागू कर बिहार में सोशल रिफार्म  की बुनियाद रखी गयी है और इसके साथ कोई समझौता नहीं होगा.2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मनाई जाएगी इसलिए डेडीकेशन के साथ प्रोहिबिशन को देखना होगा. शराबबंदी के बाद जो भी कानून के दुरूपयोग करने से संबंधित समस्या आ रही थी, उसे देखते हुये कानून में संशोधन कर उसे दूर किया गया है.

उन्होंने कहा कि सभी थानाध्यक्षों ने वचन लिखकर दिया था कि, वह अपने इलाके में कोई गड़बड़ नहीं होने देंगे. अभी जो नये थानाध्यक्ष बनाये गये हैं, उनसे भी लिखवाइए कि उनके इलाके में शराब का कोई अवैध कारोबार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक का यह दायित्व है कि निचले स्तर पर गड़बड़ करने वाले पर एक्शन लेने में कोई कोताही न हो. उन्होंने कहा कि पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस अभियान को और आगे बढ़ाया जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में कमिटमेंट फॉलो होना चाहिए.

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