सीएम नीतीश के खिलाफ हत्या के मामले पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई
सिटी पोस्ट लाइव : किस तरह से नेताओं के खिलाफ राजनीतिक मुकदमे होते हैं, उसका एक बड़ा उदहारण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. नीतीश कुमार अपनी बेदाग़ छवि के लिए देश भर में जाने जाते हैं. लेकिन वो भी एक हत्या के मामले में पिछले 22 सालों से फंसे हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दर्ज हत्या के मामले को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी. लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी. जस्टिस प्रकाश कुमार जयसवाल की एकल पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी.
नवम्बर 1991 में बिहार में हुए लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में तब बाढ़ संसदीय क्षेत्र में सीताराम सिंह नाम के एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले को लेकर उस समय ढीबर गांव निवासी अशोक सिंह ने नीतीश कुमार सहित कुछ अन्य लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. 2009 में बाढ़ कोर्ट के तत्कालीन एसीजेएम रंजन कुमार ने नीतीश कुमार को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया था.
सीताराम सिंह की हत्या के मामले में बाढ़ के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने पूर्व में नीतीश और दुलारचंद को छोड़कर अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ संज्ञान ले लिया था. लेकिन ये मामला बाद में हाईकोर्ट में स्थानांतरित हो गया. दरअसल, इस मामले पर दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. वो फैसला आजतक नहीं आया और इसपर फिर से पटना हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई जो अभी भी चल रही है. वर्ष 2009 से लेकर अबतक यह मामला हाइकोर्ट में लंबित है. एक समय न्यायाधीश सीमा अली खान ने इस मामले में नीतीश की पैरवी कर रहे उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह की दलीलों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
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