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मुंगेर में लाल-झंडा का आतंक, हजारों लोगों ने कर लिया है सैकड़ों एकड़ जमीन पर कब्ज़ा

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मुंगेर में लाल-झंडा का आतंक, हजारों लोगों ने कर लिया है सैकड़ों एकड़ जमीन पर कब्ज़ा

सिटी पोस्ट लाइव (अभिषेक कुमार ) : बिहार में मुंगेर में एकबार फिर से लाल झंडा का आतंक लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है. खबर के अनुसार  मुंगेर में बड़े पैमाने पर लाल झंडा गाड़कर जमीन पर कब्ज़ा करने का अभियान शुरू हो गया है. पुलिस और प्रशासन के हाथपांव फूलने लगे हैं. क्योंकि कब्ज़ा करनेवालों की संख्या हजारों में है और सबके हाथों में लाल झंडा है.ये सबकुछ बाढ़ के नाम पर किया जा रहा है.लेकिन सवाल ये उठता है कि बाढ़ पीड़ित निजी जमीन पर क्यों कब्ज़ा करेगें. उन्हें आसरा देना तो जिला प्रशासन का काम है.

 सहरसा, कटिहार, बेगूसराय, सुपौल, लखीसराय, खगड़िया से 5000 से ज्यादा लोग सीपीआई का झंडा लेकर मुंगेर के ऋषि कुंड में अपना झंडा गाड़ दिया है.  झंडा गाड़ कर अपना अस्थाई आशियाना बना लिया है. झंडा गाड़ो और जमीन कब्ज़ा करो के इस अभियान से पुलिस के हाथपांव फूल रहे हैं. अब तक लगभग 7000 से अधिक लोगों ने सैकड़ों एकड़ निजी जमीन पर झंडा गाड़कर अपना आशियाना बनाना शुरु कर दिया है.देखते देखते ही एक पूरी बस्ती बस गई है.

सूत्रों के अनुसार जिले में दस हजार से ज्यादा बाहरी लोग लाल झंडा के साथ पहुँच चुके हैं. अभी और हजारों लोगों के आने की संभावना है. मुंगेर में स्थिति अराजक बनी हुई है. लोग अपनी जमीन बचाने के लिए पुलिस प्रशासन के पास दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन कोई सहायता उन्हें नहीं मिल पा रही है. प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है. जिधर देखो उधर से ही कोई ऑटो से, कोई टेंपो से, तो कोई पैदल तो कोई ट्रेन से हाथ में लाल झंडा लिए ऋषि कुंड पहुंच रहा है. बरियारपुर व शामपुर थाना क्षेत्र का ऋषि में लगभग सैकड़ों एकड़ जमीन जिस पर यह लोग आकर अपना कब्जा जमा लिया है.

 प्रशासन अभी इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है. कल बरियारपुर एवं शामपुर थाना की पुलिस तो गई थी लेकिन भारी संख्या में लोगों को देखकर उनकी एक ना चली. लोगों ने साफ-साफ कह दिया यह जमीन परती है. हम यहीं अपना आशियाना बनाएंगे. लोगों का आना बदस्तूर जारी है. न प्रशासन कुछ कर रहा है और ना ही जन-प्रतिनिधि कुछ बोल रहे हैं. निजी जमीन पर कब्ज़ा जमानेवालों का कहना है कि उनके यहां बाढ़ आ गई है. इसलिए वो यहां आकर बसे हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि बाढ़ आने पर दूसरे जिलों के लोग मुंगेर क्यों आ रहे हैं? क्या वहां के प्रशासन ने उनके लिए राहत शिविर की व्यवस्था नहीं की? मधेपुरा, सहरसा के लोग बाढ़ आने की वजह से मुंगेर क्यों आ जायेगें. दरअसल, ये जमीन कब्ज़ा की रणनीति है. यह कोई नै बात भी नहीं है. नक्सल प्रभावित ईलाकों में पहले ऐसे ही लाल झंडा गाड़कर लोगों की जमीन पर कब्ज़ा कर लिया जाता था.

ये ईलाका भी नक्सल नक्सल प्रभावित है. अधिकारी  और पुलिस यहाँ जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही. सीपीआई के नेता दिलीप सिंह ने भी साफ साफ कह दिया है कि हम सरकार के नीतियों का ही पालन कर रहे हैं. सरकार आजतक गरीब भूमिहीनों को 2 डिसमिल जमीन तक नहीं दी है.वही भूदान की जमीन पर भी लोगों का कब्जा नहीं करवा पाया. ऐसे में समाज में अमीर गरीब के बीच खाई बढ़ रही है. इसी खाई को पाटने का वो काम कर रहे हैं. समाज में समरसता और बराबरी करना सीपीआई का उद्देश्य है. अगर किसी की निजी जमीन पर निर्माण हुआ है तो हम लोग उसे खाली कर देंगे. हमें निजी जमीन मालिकों को तंग और परेशान नहीं करना है. लेकिन साथ ही ये भी कह रहे हैं कि ये लोग यहीं रहेंगे .इन्हें कोई नहीं हटा पायेगा.

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