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धारा 377 पर फैसले का असर, ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर अफसर करने जा रही शादी

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धारा 377 पर फैसले का असर, ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर अफसर करने जा रही शादी

सिटी पोस्ट लाइव : देश की सबसे बड़ी अदालत ने 6 सितम्बर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को निरस्त कर समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करते हुए एलजीबीटीक्यू (लेस्बियन, गे, बाइसैक्सुअल, ट्रांसजैंडर और क्विअर) समुदाय के लोगों के लिए सम्मानित जीवन व्यतीत करने का मार्ग खोल दिया था. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला दिया था. अपने फैसले में संविधान पीठ ने कहा कि सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए यौन संबंध अब अपराध के श्रेणी में नहीं आएंगे. जिसके बाद अब  उसका असर देखने को मिल रहा है.

ओडिशा की पहली और एकमात्र ट्रांसजेंडर अफसर ऐश्वर्य रितुपर्णा प्रधान एक ट्रांसजेंडर से शादी करने जा रही हैं. इतना ही नहीं, उनका कहना है कि अगर कानून इजाजत देता है तो वह शादी के बाद एक लड़की को भी गोद लेना चाहेंगी. वह बीते 2 साल से अपने पार्टनर के साथ लिव-इन में रह रही थीं. देश के अंदर यह पहला मामला होगा जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोई ट्रांसजैंडर शादी करने जा रही है. ओडिशा सरकार ने 2017 को राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से  को पहचान प्रदान की थी. ऐश्वर्य अभी ओडिशा फाइनैंस सर्विस (ओ.एफ.एस.) अफसर हैं.

फिलहाल वह पारादीप पोर्ट टाऊन में वाणिज्यिक कर अधिकारी हैं. उनका कहना है कि अब वह खुद को आजाद महसूस कर रही हैं. मेरी अंतरात्मा जो पाना चाहती थी वह अब पूरा होगा. बता दें कोर्ट ने कहा था कि समाज में हर किसी को जीने का अधिकार है. एलजीबीटी समुदाय को वो सारे अधिकार मिले हैं, जो देश के किसी भी नागरिक को मिले हैं. समाज को अपनी सोच बदलने की जरुरत है. इस ऐतिहासिक फैसले के बाद  LGBTQ समुदाय के लोगों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए थे. वहीं सोशल मिडिया  पर लगातार जश्न का माहौल है. ऐसे में अब ट्रांसजेंडर  अफसर का विवाह महज एक शुरुआत है. आने वाले दिनों में कई ट्रांसजेंडर समलैंगिक विवाह करेंगे, जिसके लिए वे लम्बे समय से कोर्ट के फैसले का इन्तजार कर रहे थे.

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