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पुलिस ने बंद कराया कुमार सानू का शो, रात 10 बजे के बाद तक कर रहे थे कार्यक्रम

मशहूर बॉलीवुड सिंगर कुमार सानू के खि‍लाफ पुलिस केस दर्ज

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सिटी पोस्ट लाइव : बॉलीवुड सिंगर कुमार सानू देर रात तक म्यूजिकल शो में गाने के कारण कानूनी पचड़े में फंस गए हैं. कुमार सानू हाल ही में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक शो में गाने पहुंचे थे. देर रात तक शो में लाउडस्पीकर बजाने के आरोप में कुमार सानू और आयोजकों के खि‍लाफ मिठनपुरा थाना अध्यक्ष के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.

ख़बरों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के जिला स्कूल में एक निजी संस्था ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया था. कुमार सानू इसी कार्यक्रम में गाने पहुंचे थे. उनके अलावा और कई कलाकारों ने भी परफॉरमेंस दी. ये कार्यक्रम रात 10 बजे के बाद भी चलता रहा. लाउडस्पीकर की तेज आवाज की वजह से स्थानीय लोग परेशान हो गए. जिसके बाद मिठनपुरा थाना में कुमार सानू और कार्यक्रम के आयोजक अंकित कुमार सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज किया गया. फिलहाल कुमार सानू ने इस मामले अब तक अपना पक्ष नहीं रखा है.केस दर्ज करवाया गया है केस दर्ज करवाया गया दर्ज करवाया गया है दर्ज करवाया गया उनके खिलाफ केस दर्ज करवायाध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के मुताबिक रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने पर रोक है. हालांकि ऑडिटोरियम, कांफ्रेंस रूम, कम्युनिटी और बैंकट हॉल जैसे बंद कमरों या हॉल में इसे बजाया जा सकता है.

जाहिर है कि रिहाइशी क्षेत्र में ध्वनि का स्तर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक 55 डेसीबल तो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 45 डेसीबल तक ही होना चाहिए. वहीं कमर्शियल जोन में सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक 65 डेसीबल और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 55 डेसीबल तक का स्तर रह सकता है . दूसरी ओर, औद्घोगिक क्षेत्र में इस दौरान ध्वनि स्तर को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक 75 डेसीबल तक रख सकते हैं. वहीं साइलेंस जोन में क्रमशः 50 डेसीबल और 40 डेसीबल ध्वनि का स्तर रखा जाना चाहिए. किसी भी क्षेत्र को औद्योगिक, व्यावसायिक, आवासीय या शांत क्षेत्र घोषित करने का अधिकार राज्य सरकार के पास होता है.

पर्यावरण (संरक्षण) 1986 कानून की धारा 15 के तहत ये दंडनीय अपराध है. नियम का उल्लंघन करने पर 5 साल की जेल या एक लाख का जुर्माना या फिर दोनों हो सकती है. साथ ही हर दिन के उल्लंघन के पांच हजार रुपये प्रतिदिन की सजा का प्रावधान अलग से है. ध्वनि प्रदूषण अधिनियम और नियंत्रण कानून के तहत सार्वजनिक और निजी स्थलों पर लाउडस्पीकर की ध्वनि सीमा क्रमश:10 डेसीबल और पांच डेसीबल से अधिक नहीं हो सकती.

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