SC/ST एक्ट का जिन्न फिर निकला बाहर, विरोध में सड़क जाम, गया में पुलिस पर पथराव
सिटी पोस्ट लाइव : SC/ST एक्ट को मंजूरी मिलने के बाद लगातार देश में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. वही अब बिहार एक बार फिर SC/ST का जिन्न बहार निकलकर सड़क पर प्रदर्शन में जुट गया है. इसका विरोध गुरुवार को प्रदेश भर में देखने को मिल रहा है. प्रदर्शनकारियों द्वारा गया में कई चौक चौराहों को जाम किया गया. जिसे हटाने पहुंची पुलिस पर हमला करने और पथराव की भी खबर है. लोग सड़क पर उतर कर इस एक्ट के विरोध में सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
दिख रहा है. सवर्णों के द्वारा एनएच 28 को रानी गांव के पास और दुलारपुर गांव के पास जाम कर दिया गया है. वहीं शहर में BP स्कूल चौक काली, स्थान चौक, हेमरा चौक, रतनपुर चौक समेत कई जगहों पर सड़क को जाम किया गया है. केंद्र सरकार द्वारा SC/ ST कानून में बदलाव किया जा रहा है, जिसके खिलाफ विरोध हो रहा है.
लखीसराय में भी आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट के विरोध में लोगों का गुस्सा दिख रहा है. यहां लोगों ने लखीसराय-जमुई मुख्य मार्ग को शर्मा गांव के समीप जाम कर दिया. लोग आगजनी कर आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट का विरोध जता रहे हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. लोगों के विरोध का खासा असर देखने को मिल रहा है. घंटों से कई यात्री वाहन एवं कांवरिया वाहन जाम में फंसे हैं.
आरक्षण के विरोध में शेखपुरा के बरबीघा में भी लोगों ने सड़क जाम कर दिया है. प्रदर्शनकारी आगजनी कर विरोध जता रहे हैं. जाम के कारण यातायात प्रभवित है. कई स्कूलों के बस जाम में फंसे हैं. गया में भी एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बंद का असर देखने को मिल रहा है. यहां मुफस्सिल मोड़ पर बंद समर्थकों ने सड़क जाम कर दिया और जाम हटाने के लिए आई पुलिस टीम पर पथराव किया. इस दौरान पुलिस ने बंद समर्थकों को खदेड़ा. गया के ही खिजरसराय में भी कई जगहों पर सड़क जाम की खबर है.
नालंदा में भी एससी-एसटी एक्ट के विरोध में लोगों ने बिहारशरीफ-पटना मार्ग को चंडी के जैतीपुर मोड़ के पास जाम कर दिया. सड़क जाम करने के बाद लोग सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 20 मार्च को इस कानून के प्रावधानों में किये गए कई बदलावों के विरोध में देश भर में दलित आन्दोलन शुरू हो गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी मामलों में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने से दलित संगठन बेहद खफा थे . इस मुद्दे को लेकर जहां कई दलित संगठनों ने 9 अगस्त को भारत बंद का आह्वान कर दिया था वहीँ पासवान जैसे कई सहयोगी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
जिसके बाद एससी/एसटी संशोधन बिल 2018 को 6 अगस्त को लोकसभा में पास किया गया. राष्ट्रपति से मिली मंजूरी के बाद सवर्ण समाज इसके विरोध में आ गये हैं. और अब जगह जगह इसके विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
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