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संकट में लालू-राबडी परिवार, कौन होगा उनका राजनीतिक वारिस?

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सिटी पोस्ट लाइव( आकाश ) : रेलवे टेंडर घोटाले में आरजेडी सुप्रीमो  लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ चार्जशीट दायर होते ही लालू परिवार के सामने सबसे बड़ा संकट पैदा हो गया है. मुकदमा लम्बा चलेगा. जिन धाराओं में तेजस्वी पर सीबीआई के बाद ईडी ने भी चार्जशीट पेश किया है, उससे तो यहीं लगता है कि आरजेडी के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी तेजस्वी यादव का राजनीतिक भविष्य दावं पर लग सकता है.अगर तेजस्वी को खुदा न खास्ते इस मामले में सजा हो जाती है तो फिर आरजेडी का क्या होगा? कौन होगा लालू यादव का राजनीतिक वारिश? यह सवाल आरजेडी के हर नेता के जेहन में कौंध रहा है.

राज्यसभा सांसद मीसा भारती लालू यादव की राजनीतिक विरासत संभाल सकती थीं.लेकिन वो खुद जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. लालू-राबड़ी की दूसरी किसी बेटी का राजनीति से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है. तेजस्वी यादव अभी अविवाहित हैं. ऐसे में सबकी नजर तेज प्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय पर टिक गया है. तेज प्रताप की इसी साल चर्चित राजनीतिक घराना एवं पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पौत्री से शादी हुई है. सारण लोकसभा क्षेत्र से ऐश्वर्या के चुनाव लडऩे की चर्चा भी है, लेकिन अभीतक कुछ तय नहीं हुआ है.

आरजेडी के नेताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव के के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया लंबी चलेगी, ऐसे में लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए उन्हें पर्याप्त मौका मिल जाएगा. चार्जशीट को चैलेंज करने की  तैयारी भी चल रही है. लेकिन अगर फिर भी उन्हें सजा हो जाती है तो क्या होगा ,इसको लेकर सभी चिंतित हैं.आरजेडी नेताओं का कहना है कि तेजस्वी का राजनीतिक कद जिस रफ़्तार से बढ़ रहा था, उनको निशाना बनाया गया है. लेकिन आरजेडी नेताओं को इस बात का भी भरोसा है कि लू परिवार को जितना ज्यादा परेशान किया जाएगा, उनके पक्ष में उतना ही ज्यादा गोलबंदी होगी. आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता का मानना है कि  सहानुभूति लहर के जरिए एक बार सत्तारूढ़ होने के बाद इतने बड़े परिवार में वारिस का संकट खुद ब खुद टल जाएगा. अभी से नेतृत्व के संकट पर सवाल जल्दबाजी होगी.

गौरतलब है कि  चार्जशीट के बाद बीजेपी-जेडीयू ने तेजस्वी के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के मुताबिक एजेंसियों ने सबूतों के आधार पर तेजस्वी को आरोपित बनाया है. कानून से भी राहत नहीं मिलने वाली है.उन्होंने कहा कि लालू यादव को पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष पद से और तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

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