सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी बैंकों के आंकड़ों के फर्जीवाड़े को काफी गंभीरता से लिया है. उन्होंने बैंकों पर ऋण देने के बैंकों के गलत आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिला स्तरीय बैंकिंग समिति के आंकड़े और राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति के आंकड़ों में काफी अंतर है.इसका मतलब साफ़ है कि बैंक भी सरकार को गलत आंकड़े देते हैं. मोदी ने कहा कि आज जमाना हाईटेक हो गया है. बैंकिंग सेवायें भी ऑनलाइन हो गई है. फिर बैंकों द्वारा मैन्यूअली आंकड़ों का संग्रह करने का कोई मतलब नहीं है. उपमुख्यमंत्री शनिवार को होटल चाणक्या में 65 वीं एसएलबीसी समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि गलत आंकड़े देना बैंक बंद करें.
सुशील मोदी ने बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा कि जिन चार जिलों के डीएलसीसी की बैठक में मैं खुद गया वहां ऋण के जो आंकड़े दिए गए उसमें और एसएलबीसी के आंकड़े में कहीं-कहीं 40 फीसदी का अंतर है. बैंक ऐसे फर्जीवाड़े को बंद करें. बांका डीएलसीसी के अनुसार वार्षिक ऋण लक्ष्य का 30 फीसदी ऋण दिया गया है, जबकि एसएलबीसी में यह आंकड़ा 74 फीसदी दिखाया गया है. मोदी ने कहा कि यह बर्दाश्त से बाहर है. यही हाल गोपालगंज और सासाराम जिले का है. उन्होंने कहा कि न जाने कितने जिलों के आंकड़ों में इतना अंतर होगा.मोदी ने कहा कि राज्य के गरीबों के 3.46 करोड़ जनधन खाते में जमा हैं 6277 करोड़ रुपए..इस योजना के तहत जीरो बैलेंस पर खाते खोले गए थे. लेकिन लोगों ने इसमें अपनी गाढ़ी कमाई जो पहले घरों में रखते थे, अब बैंक में रखना शुरू कर दिया है.
उपमुख्यमंत्री ने एसएलबीसी कनवेंर को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को जो आंकड़े दिए जाएं वह सही होना चाहिए.उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एसएलबीसी में केवल आंकड़ों पर बात होती है, जो ठीक नहीं है. उन्होंने एसएलबीसी के कंवेनर बैंक एसबीआई को कहा कि अगली बैठक से मुद्दों पर बात होनी चाहिए. कुछ मुद्दे पिछले 10 साल से इस बैठक में उठते रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है. राज्य सरकार हर बैठक में नसीहत देती है और बैंक सुधार करने पर अपनी सहमति देता है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता है.
एसएलबीसी की बैठक में भाग लेने मुंबई से आए एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक पी रमेश बाबू ने कहा कि राज्य के लिए यह खुशी की बात है कि चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में पिछले वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही से अधिक ऋण वितरित किया गया है. अभी तक बैंक ने वार्षिक ऋण लक्ष्य का 19.42 फीसदी ऋण दिए हैं. वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही में बैंकों ने 22314 करोड़ रुपए ऋण दिया था, जबकि इस साल 25241 करोड़ ऋण दिया है। यह पिछले साल की तुलना में 11 फीसदी अधिक है.
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