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VIDEO- सहरसा में संविधान बना मखौल, एससी-एसटी एक्ट की उड़ रही हैं धज्जियां

20 अगस्त को विधायक के गुंडे बेटे ने महादलित बेवा महिला की बर्बरता से की थी पिटाई

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सिटी पोस्ट लाइव, एक्सक्लूसिव : बीते 20 जुलाई को सहरसा के राजद विधायक अरुण कुमार कुमार यादव के गुंडे बेटे टूटू यादव ने अपने गाँव सहरसा के सत्तर कटैया प्रखंड के आरण गाँव में धान रोपने में देरी करने की वजह से मसोमात मीरा देवी को बिजली के वायर से दौड़ा-दौड़ाकर तबतक पीटा, जबतक वह गिरकर बेहोश नहीं हो गयी। जख्मी बेबा को पहले स्थानीय निजी नर्सिंग होम स्वराज अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां से टूटू यादव के गुर्गों ने अगवा कर के इसे गाँव पहुँचा दिया और खिलाफ में गवाही नहीं देने की धमकी दी। यही नहीं सामाजिक स्तर पर मामले को दबाने की भगीरथ कोशिश भी की गई। 20 जुलाई को जख्मी महिला ने टूटू यादव के खिलाफ जमकर आग उगले थे और पूरी कहानी बयां की थी। लेकिन टूटू यादव और उसके गुर्गों ने उसको और उसके परिजनों को इतना डराया की उसके स्वर ही बदल गए।

पिता के बाद दबंगई की कमान विधायक पुत्र ने संभाली, दलित महिला को बेरहमी से पीटा

बाद में सिटी पोस्ट लाइव ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया और लिखा। उसके बाद इस मामले को विधान परिषद में विधान पार्षद नूतन सिंह ने तल्खी से उठाया। हमारी कोशिश और विधान पार्षद की सदन में दहाड़ने से राज्य मुख्यालय में बैठे बड़े पुलिस अधिकारियों की नींद खुली और उन्होंने सहरसा एसपी राकेश कुमार को मामला दर्ज कराने को कहा। सहरसा एससी-एसटी थाना में एसआई ललन शर्मा के आवेदन पर टूटू यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। लेकिन मामला दर्ज करने के 25 दिन गुजरने के बाद भी, टूटू यादव की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

सिटी पोस्ट लाइव की खबर का बड़ा असर, विधायक के बेटे के खिलाफ मामला हुआ दर्ज

सहरसा पुलिस के इर्द-गिर्द विधायक का खौफ अनवरत मंडराता रहता है। विधायक का रसूख यहां सर चढ़कर बोल रहा है। विधायक की दबंगई की वजह से टूटू की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। बड़ा सवाल है कि सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव खुद को पिछड़े और दलित-महादलित के रहनुमा बताते हैं, तो आखिर वे क्यों नहीं विधायक पुत्र की गिरफ्तारी को लेकर हस्तक्षेप कर रहे हैं। यहाँ तुम करो तो रासलीला और हम करें,तो कैरेक्टर ढ़ीला वाली बात है। आखिर कहां छुपा है विधायक पुत्र टूटू यादव? सहरसा में एकतरफ जहाँ संविधान का मखौल उड़ रहा है वहीँ एससी-एक्ट की धज्जियां उड़ रही है। हम ताल ठोंककर कहते हैं कि बिहार में समाजवादी धरा के लोगों को सामाजिक अपराध करने की खुली छूट है।

सहरसा से पीटीएन मीडिया न्यूज ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

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