सिटी पोस्ट लाइव : राजनीतिक कार्यक्रमों में दरी बिछानेवाला बबन यादव कब साइकिल से स्कार्पियो पर सवार हो गया किसी को पता ही नहीं चला. सबसे पहले लालू यादव के हाईप्रोफाइल सालों को पकड़कर राजनीति में कदम रखनेवाला बबन यादव देखते देखते ही लालू यादव के करीब पहुँच गया.पार्टी में नेताओं को चाय पानी पिलाते पिलाते वह विधान परिषद् में पहुंचना चाहता था. लालू यादव ने उसकी यह मंशा तो पूरी नहीं की लेकिन उसे विधान सभा चुनाव का टिकेट जरुर दे दिया. चुनाव लड़ा और हार गया. लेकिन अब उसकी पहचान एक नेता की बन चुकी थी. वह साइकिल से स्कार्पियो तक का सफ़र तय कर चूका था.उसकी पहचान एक नेता की बन चुकी थी.अपने इस प्रभाव का फायदा उसे मिलना शुरू हो चूका था .
जब लालू यादव ने उसे विधान परिषद् भेंजने से साफ़ मना कर दिया तब वह पप्पू यादव की पार्टी में शामिल हो गया.लेकिन वहां भी पप्पू यादव ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन वह बीजेपी में जगह पाने में कामयाब हो गया.लेकिन बीजेपी में जाने के एक साल के अन्दर उसका ऐसा कारनामा सामने आया कि एक झटके में जेल पहुँच गया. जिस दिन देश आजादी का जश्न मन रहे थे, बबन यादव के कमर में रस्सी लगाकर उसे जेल भेन्जा जा रहा था.
जब वह 15 अगस्त को अपने ही एनजीओ के महिला सचिव का यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार हुआ तब जाकर राज खुला कि जिसे लोग रोड छाप नेता समझते थे ,वह अबतक कई कारोबार का मालिक बन चूका था. एनजीओ के जरिये सरकार से लाखों करोड़ों का अनुदान लेने लगा था. आमदनी इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने लगा .कई फिल्मों में कम भी कर चूका था. इतना ही नहीं वह भोजपुरी फिल्मों के अभिनेताओं और निर्माता निर्देशकों का सबसे बड़ा खातिरदार बन चूका था. खातिरदारी और अपनी एय्यासी के लिए वह बाकायदा एक गेस्ट हाउस भी मेंटेन कर रहा था.
लेकिन पटना पुलिस के पास उसके खिलाफ 14 अगस्त को शिकायत पहुंची. बबन यादव के एनजीओ की सेक्रेट्री ने मंगलवार को सबसे पहले कदमकुआं थाने में उसके खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराया.बबन यादव के साथ वह लंबे अर्से से जुड़ी है. इस जुड़ाव के दौरान ही नजदीकियां बढ़ीं. फिर इसके बाद बबन यादव अस्मत से खेलने लगा.लेकिन जब उसने उसके साथ जोर जबरदस्ती और मारपीट करने लगा तो वह पुलिस के पास पहुँच गई. महिला की शिकायत पर पटना पुलिस ने जांच की. घटना-स्थल दीघा के रामलखन अपार्टमेंट के एक फ्लैट में पाया गया. प्रथ दृष्टया आरोप सही पाए जाने के बाद पुलिस ने बबन यादव को उठाया. आमने-सामने कराकर शिकायत को पुख्ता किया गया. फिर उसे गिरफ्तार कर जेल भेंज दिया गया.
बबन यादव 1990 के दौर में लालू यादव की पार्टी से जुड़ा .शुरुआत तो उसने पार्टी के धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रमों के लिए दरी-चादर बिछाने से किया लेकिन अचानक वह शहर के हर चौक चौराहों पर लगे होर्डिंग्स पर दिखने लगा. आरजेडी के हर धरना-प्रदर्शन और बंद में फोटो खिंचवाने के लिए लाठी डंडा लेकर आगे रहनेवाला बबन यादव बहुत जल्द ही लाइमलाइट में आ गया. आरजेडी की जब भी रैली होती बबन यादव पटना के सारे होर्डिंग्स पर वह कब्ज़ा कर जबरन अपनी तस्वीर लगा देता था.
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