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जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से संकट में मरीज, कल से इमरजेंसी सेवा भी है ठप्प

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी पटना में के एनएमसीएच के डॉक्टरों के साथ की गई मारपीट के बाद से जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. पटना के एनएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में अब पीएमसीएच और डीएमसीएच के डॉक्टर भी उतर आए हैं. तीनों ही अस्पतालों में इमजेंसी सेवा को ठप कर दिया गया है. एनएमसीएच के हालात तो ऐसे हैं कि डॉक्टरों ने बुधवार से ही रजिस्ट्रेशन काउंटर को ही बंद करवा दिया है. इधर आज 09 अगस्त को पटना के पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड से भी डॉक्टर गायब हो गए हैं. इमरजेंसी वार्ड में भी हड़ताल कर देने से मरीजों के अभिभावकों के बीच हाहाकार मच गया है. मरीजों का जीवन संकट में फंसा गया है .मरीजों को  परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा था  कि, उनकी लगातार बात हो डॉक्टरों के साथ हो रही है.लेकिन सच्चाई है कि बुधवार से इमरजेंसी सेवा भी ठप्प है. नए मरीजों की भर्ती नहीं हो रही है और जो पहले से भर्ती हैं, उनकी जान आफत में है. स्वास्थ्य मंत्री  हड़ताल को जल्द ही तुड़वा दिए जाने का दावा कर रहे हैं लेकिन उनके इस दावे की हवा निकल गई है.डाक्टरों ने 48 घंटे का अल्टिमेटम दे दिया है अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो उग्र विरोध शुरू कर देगें .

गौरतलब है कि एनएमसीएच में मंगलवार की शाम एक महिला मरीज की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट की थी और हवा में गोली चलाकर उन्हें दहशतजदा करने की कोशिश की थी. आक्रोशित लोगों ने इमरजेंसी में तोड़फोड़ शुरू कर दी थी.उसी घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया था. उनके समर्थन में बाकी सभी दूसरे सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल में शामिल हो जाने से पिछले दो दिनों से स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई है.

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