सिटी लाइव पोस्ट : बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मारा-रेपकांड के किंगपिन ब्रजेश ठाकुर ने समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा से किसी तरह के संबंध होने से साफ़ इनकार किया है. बुधवार को ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपियों को पेशी के लिए मुजफ्फरपुर कोर्ट लाया गया जहां पॉक्सो कोर्ट में सभी की पेशी हुई.ब्रजेश ठाकुर के मुंह पर आक्रोशित एक महिला ने कालिख पोत दी.एक महिला ने उस समय ब्रजेश ठाकुर के मुंह पर कालिख पोत दिया जब उसे पुलिस कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी. पुलिस ने तत्काल उस महिला को हिरासत में ले लिया है.लेकिन महिला ने ब्रजेश के मुंह पर कालिख पोतने के आरोप को उसने स्वीकार करने से मन कर दिया. उसने कहा कि उसने कालिख नहीं पोती है. ये महिला पप्पू यादव की पार्टी से जुडी है. उस महिला के साथ जाप के दर्जनों कार्यकर्त्ता भी मौजूद थे.
महिला को पुलिस द्वारा पकडे जाने के बाद हंगामा हो गया.वह महिला यह मानने को तैयार ही नहीं थी कि उसने ब्रजेश ठाकुर के मुंह पर स्याही फेंकी.पप्पू यादव के समर्थकों ने पुलिस पर महिला को वगैर किसी प्रमाण के पकडे जाने का आरोप लगाते हुए कोर्ट परिसर में हंगामा शुरू कर दिया.जाप के जिला अध्यक्ष ने कहा कि उस महिला को नहीं जानते. वह पप्पू यादव के पार्टी से नहीं जुडी है.पुलिस ने जिस महिला को पकड़ा है ,वह निर्दोष है. वह जाप की कार्यकर्त्ता नहीं है.जाप कार्यकर्ताओं ने जमकर कोर्ट में हंगामा किया. सड़क पर लेट गए.इससे पहले मीडिया से बात करते हुए ब्रजेश ने खुद को बेकसूर बताया. उसने कहा कि वह कांग्रेस के टिकट पर मुजफ्फरपुर से ही चुनाव लड़ना चाहता था इसलिये उसे शाजिश के तहत फंसाया जा रहा है. बकौल ब्रजेश वो न तो मंत्री मंजू वर्मा और न ही अपनी राजदार मधु को जानता है. उसने कहा कि मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं.ये पूछे जाने पर कि क्या उसकी मंत्री मंजू वर्मा के पति से बात होती थी, ब्रजेश ने कहा कि मेरी राजनीति के मुद्दे पर मंजू वर्मा के पति से बात होती थी. उसने बार-बार ये कहा कि मैं मधु को भी नहीं जानता हूं. ब्रजेश ने कहा कि मेरा मंत्री मंजू वर्मा से भी कोई संबंध नहीं है.ब्रजेश ने कहा कि कांग्रेस के टिकट पर मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश ने मुझे पूरे मामले में फंसाया है. मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ हुए रेप के मामले में बुधवार को सभी आरोपियों की पेशी हो रही है.
गौरतलब है कि यह पूरा मामला तब प्रकाश में आया, जब टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई. 15 मार्च को बिहार सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कैसे इन बालिका गृह में छोटी-छोटी बच्चियों का शोषण किया जाता रहा है. इस मामले में विपक्ष लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहा था. जिसके बाद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. 28 जुलाई को सीबीआई की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी.
Comments are closed.