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बालिका गृह सेक्स कांड के बाद अब पटना अल्पावास का खुला बड़ा राज, महिलाओं के साथ बर्बरता

पटना अल्पावास महिलाओं के रहने लायक नहीं

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बालिका गृह सेक्स कांड के बाद अब पटना अल्पावास का खुला बड़ा राज

सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए सेक्स कांड के बाद अब पटना अल्पावास गृह में भी कई खामियां और महिलाओं के साथ ख़राब बर्ताव किये जाने का मामला सामने आया है. जानकारी अनुसार अल्पावास गृह में रह रही महिलाओं के साथ एनजीओ द्वारा काफी ख़राब बर्ताव किया जा रहा है. उनके साथ मार-पीट और गन्दी-भद्दी गलियां दी जाती है. इतना ही नहीं अल्पावास का आलम ये है कि यहां न साफ़ सफाई, न खान पान और न ही सही तरीके से सोने की व्यवस्था है, बावजूद इसक अल्पावास बिना किसी जांच पड़ताल के बड़े मजे में एनजीओ चला रही है.

बता दें जिस तरह से टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) ने बालिका गृह मामले को उजागर किया था, उसी प्रकार पटना अल्पावास गृह का भी उद्भेदन टाटा ने ही किया है. जब यह मामला प्रशासन के कानों तक पहुंची तो सोमवार को समाज कल्याण विभाग की परियोजना प्रबंधक भारती प्रियंवदा ने, पाटलिपुत्रा इलाके में FIR दर्ज करवाई है. बताते चलें इस अल्पावास गृह का संचालन एनजीओ 2014 से करती आ रही है. टिस की रिपोर्ट अनुसार एनजीओ के कर्मियों पर वहां रहने वाली महिलाओं के साथ गाली-गलौज, दुर्व्यवहार, अमर्यादित भाषा का प्रयोग और मारपीट करने का आरोप है.

वहीं प्राथमिकी में कहा गया है कि अल्पावास गृह की व्यवस्था सही नहीं थी, घर के अंदर का माहौल महिलाओं के रहने लायक नहीं था, यहां पर रहने-खाने से लेकर दवा वितरण की व्यवस्था भी सही नहीं थी. पाटलिपुत्रा थानाध्यक्ष ने बताया कि एनजीओ के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409, 354, 120बी, 504, 509 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस हर पहलू पर जांच कर कार्रवाई करेगी.

गौरतलब है कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की टीम की रिपोर्ट से बालिका गृह में लड़कियों के यौन शोषण और यातनाएं दिए जाने का मामला उजागर हुआ था. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की टीम ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह का सोशल ऑडिट किया था. टीम ने रिपोर्ट में कहा था कि यहां बालिकाओं को काफी आपत्तिजनक स्थिति में रखा जाता है. उनका यौन शोषण होता है और उन्हें यातनाएं दी जाती हैं. जिसके बाद परत-दर-परत मामला उजागर होता गया. बिहार सरकार ने जांच के आदेश दिए, जिसके बाद ऐसे ऐसे मामले सामने आये की खुद मुख्यमंत्री को कहना पड़ा की हम शर्मसार हैं. अब देखने वाली बात है कि क्या मुजफ्फरपुर बालिका गृह के बाद अब पटना के अल्पावास गृह में से कितने राज बाहर आते हैं.

कुंदन कर्ण की रिपोर्ट

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