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सूखे को लेकर सरकार अलर्ट, 31 जुलाई के बाद हो सकती है सुखाड़ की घोषणा

बिहार में मंडरा रहा है सूखे का खतरा, सीएम नीतीश 31 जुलाई को करेंगे समीक्षा बैठक

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सिटी पोस्ट लाइव : इसबार बिहार में बाढ़ और सूखे का खतरा एकसाथ मंडरा रहा है.  इस बार मानसून के सीजन में अब तक 48 फीसदी से भी कम बारिश होने से 17 से ज्यादा जिलों में अभीतक धान की रोपनी शुरू नहीं हो पाई. जिन जिलों में रोपनी हो गई ही धान सूखने लगा है. बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सिटी पोस्ट लाइव को बताया कि सूखे के हालत से निपटने के लिए पीएचईडी विभाग को 500 पानी के टैंकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. मुख्य सचिव ने ये भी दावा किया कि इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह मुस्तैद है और इसके लिए जितनी भी राशि की ज़रूरत होगी उसे पूरा किया जाएगा .

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सूखे पर नजर  बनाए हुए हैं और इसी महीने की 31 तारीख़ को सीएम सूखा पर समीक्षा बैठक भी करेंगे.इस बैठक में सूबे में बन रही सूखे की स्थिति को लेकर कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है. मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि सूखे से निपटने को लेकर विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में पटवन के लिए 18 से 20 घण्टे बिजली दी जाएगी .इस दौरान बिजली की दरों में भी कटौती की जाएगी यानी कि कृषि के लिए जो बिजली पहले 96 पैसे प्रति यूनिट उपलब्ध होती थी उसे घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट किया जाएगा.

आज सीएम की समीक्षा बैठक के बाद  मुख्य सचिव सूखे को लेकर जानकारी दे रहे थे. उन्होंने बताया कि  31 जुलाई को दोबारा से सीएम समीक्षा बैठक करेंगे , इस बैठक में समीक्षा के बाद तय होगा कि किन किन जिलों को सूखा घोषित करना है और वहां के किसानों को किस तरह की सहायता देनी है.

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