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कलतक कांग्रेस के ईन नेताओं के चहेते थे नीतीश, आज क्यों लगने लगे प्रोपेगंडा मास्टर

कांग्रेस -जेडीयू गठजोड़ की संभावना ख़त्म ,अब किसका डर दिखाकर बीजेपी पर दबाव बनायेगें नीतीश

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सिटी पोस्ट लाइव : कलतक जिस बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष, विधायक दल के नेता से लेकर आधा दर्जन विधायक  नीतीश कुमार का गुणगान करते नहीं थक रहे थे.लेकिन जैसे ही जेडीयू ने अपनी कार्यकारिणी की बैठक के बाद साफ़ कर दिया कि वो बीजेपी के साथ ही चुनाव में जायेगी, कांग्रेस ने अचानक अपना स्टैंड बदल दिया है. खबर है कि जैसे ही जेडीयू ने कांग्रेस के सामने भ्रष्ट और भ्रष्टाचार के प्रतिक  आरजेडी से अलग होने की शर्त रखी , लालू यादव ने तुरत सोनिया गांधी को फोन मिलाया और पार्टी स्टैंड क्लियर करने की मांग कर दी. सोनिया गांधी ने तुरत बिहार प्रदेश के नेताओं को नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल लालू यादव के साथ मजबूती से खड़े का सन्देश देने का निर्देश दे दिया. फिर क्या था बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने बयान जारी कर साफ़ कर दिया कि महागठबंधन में नीतीश कुमार जैसे नेता के लिए कोई जगह नहीं है.

सोमवार को इसे जारी रखते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने यू टर्न लेते हुए कहा कि आरजेडी  उनका भरोसेमंद सहयोगी है. उन्होंने कहा कि  नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में लेने का सवाल ही नहीं है. उन्होंने पूछा कि  नीतीश को महागठबंधन में किसने न्योता दिया था? फिर आरोप लगा दिया कि खुद नीतीश कुमार ने बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए   कांग्रेस का प्रोपेगंडा किया था. लेकिन  ये  सच है कि कांग्रेस नेता मदन मोहन झा, कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कौकब कादरी के साथ बैठक करने के बाद कहा था कि वो पार्टी आला-कमान को नीतीश कुमार के साथ जाने का प्रस्ताव भेजेगें .लेकिन अब परिस्थिति जब बदल गई है ,कांग्रेस नीतीश कुमार पर प्रोपेगंडा किये जाने का आरोप लगाकर उन्हें बीजेपी के निशाने पर लाने की रणनीति में भीड़ गई है.

गौरतलब है जदयू महासचिव केसी त्यागी ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा था कि बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल समेत कई कांग्रेस नेताओं ने नीतीश से महागठबंधन में शामिल होने की अपील की है, जिसके जबाव में उन्होंने कहा कि जब तक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जैसी भ्रष्ट पार्टी पर कांग्रेस अपना स्टैंड क्लियर नहीं करती, तब तक जदयू उनके साथ कैसे जा सकती है ? हालांकि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले सीएम नीतीश ने पार्टी नेताओं के समक्ष साफ कर दिया था कि दोनों दलों के बीच गठबंधन बरकरार रहेगा और आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने 17-17 सीटों पर लड़ने का फॉर्मूला भी दिया था.

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