कुम्भ यात्रियों को रास्ता देने के लिए मुस्लिम समाज ने तोड़ दिया अपना मस्जिद
मजहब नहीं सीखाता आपस में बैर रखना...इस गीत के बोल को सच करके दिखा दिया उत्तरप्रदेश के मुसलमान भाईयो ने.
सिटी पोस्ट लाईव : एक तरफ देश में हिन्दू- मुस्लिम विवाद को तूल देने की राजनीति चल रही है, दूसरी तरफ अल्प-संख्यक समाज के लोग हिंदू-मुस्लिम के बीच भ्रामक खबरों के चक्कर में पड़ने की बजाय गंगा-जमुनी संस्कृति को आगे बढाने में जुटे हैं. अभी हाल ही में गया से खबर आई है कि वहां एक हिन्दू संत के यज्ञ के आयोजक मुसलमान बने हैं, वहीँ दूसरी खबर ईलाहाबाद से आ रही है कि वहां कुम्भ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने हाथों से अपने मिस्जिद की ईमारत को तोड़ दिया. कुम्भ मेले की तैयारी में जूटा प्रशासन रास्ते के चौडीकरण के काम में लगा था. रास्ते में मस्जिद आ गया.जैसे ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को पता चला कि इस तैयारियों के बीच कई मस्जिद आ रही है तो खुद से मस्जिदों के कुछ हिस्सों को तोड़ दिया. मुस्लिमों का कहना है कि वे कुंभ मेले के लिए हो रहे सड़क चौड़ीकरण के काम में पूरा सहयोग देना चाहते हैं इसलिए ऐसा किया है.
“मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना”, इस गीत के बोल को सच करके दिखा दिया उत्तरप्रदेश के मुसलमान भाईयो ने. ..तीर्थ नगरी इलाहाबाद में अगले साल कुंभ का आयोजन होना है. कुंभ मेले में लाखों नहीं करोड़ों हिंदू श्रद्धालु आते हैं. इसीको लेकर योगी सरकार ओर जिला प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारियां की जा रही है. कई सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. जिला प्रशासन की मानें तो पुराने इलाहाबाद में कई मस्जिद की इमारतें ऐसी है जो कि सरकारी जमीन पर बनी हुई हैं. रास्ते के चौडीकरण में यहीं ईमारते बाधा बन गईं . मस्जिद को तोड़ने की हिम्मत भला प्रशासन कैसे कर सकता था. इसलिए लग गया काम पर ब्रेक .लेकिन जैसे ही मुस्लिम समाज को ये पता चला उन्होंने ईमारतों के कुछ हिस्सों को तोड कर खुद रास्ता दे दिया.
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