महिला आयोग: बीजेपी सरकार को बदनाम करने को मिशनरी ने रची गैंगरेप की शाजिष
गैंगरेप को महिला आयोग ने बताया पूर्व नियोजित, फादर पर लगाया आरोपियों से तालमेल का आरोप
सिटी पोस्ट लाईव : पूरे देश को हिला देनेवाली झारखण्ड की 5 लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना की जांच कर रही राष्ट्रिय महिला आयोग ने एक बड़ा खुलासा किया है. पिछले सप्ताह खूंटी में एक गैर सरकारी संगठन की पांच कार्यकर्ताओं के साथ बंदूक की नोक गैंगरेप किये जाने के मामले की जांच के लिए पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम के अनुसार बीजेपी सरकार को बदनाम करने के लिए एक सोची समझी शाजिष के तहत मिशनरी द्वारा अंजाम दिलवाया गया . राष्ट्रीय महिला आयोग ने झारखण्ड के खूंटी जिले में हुए गैंगरेप मामले खुलासा किया है कि खूंटी की घटना पहले से ही तय थी.
महिला आयोग ने खूंटी का दौरा करने के बाद स्कूल के प्रबंधक फादर अल्फोंसो ऐन्ड के आचरण पर गंभीर सन्देह व्यक्त किया है. प्रबंधक नुक्कड़ नाटक दल की इन पांच सदस्यों के अपहरण की अधिकारियों को जानकारी देने में कथित तौर पर विफल रहे. आयोग ने कहा , कि उसने पीड़िताओं से कहा कि वह तथ्यों का किसी के समक्ष खुलासा नहीं करें.महिला आयोग की फाइंडिंग है कि फादर के साथ आरोपियों की सांठगांठ थी जिसके कारण उन्होंने मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की. आयोग के दल ने सिस्टरों एवं ननों से भी बातचीत करने के बाद घटना में फादर ऐन्ड की भूमिका पर सवाल उठाया है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले झारखंड पुलिस ने भी इस मामले फादर की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे.
पुलिस के अनुसार इस मामले में पादरी अल्फांसो आईंद के शामिल रहने को लेकर पर्याप्त सबूत हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार पादरी को फंसाए जाने के आरोप गलत हैं. गौरतलब है कि इस घटना में पादरी की भूमिका होने का स्थानीय लोग शुरू से विरोध कर रहे हैं. उनके अनुसार इस पूरे मामले में पादरी को जानबूझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि सोमवार को झारखंड पुलिस ने स्थानीय लोगों के इन तमाम दावों को गलत बता दिया है.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इस मामले की अभी तक की जांच में जो बात सामने आई उससे यह साफ है कि पादरी इस पूरे मामले में शामिल रहा है. पुलिस के अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पीड़ित लड़कियों ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में पादरी को दोषी बताया है.
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