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ड्रग्स के भयावह जाल में छटपटाता पटना, खुल्लेयाम ड्रग्स की बिक्री ,ग्राहक बने बच्चे

बच्चे से लेकर युवा तक हो रहे नशे के आदी , चाय पान की दूकान में भी ड्रग्स उपलब्ध

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सिटी पोस्ट लाईव : बिहार में शराबबंदी है फिर भी शराब खुल्लेयाम मिल रही है. शराबबंदी के बाद बिहार में विकल्प के तौर पर लोगों ने विभिन्न ड्रग्स का प्रयोग शुरू कर दिया है. यहाँ बच्चे और नौजवान बहुत तेजी से मादक पदार्थों के सेवन के आदी हो रहे हैं. बिहार में मादक पदार्थों की लगातार बड़े पैमाने पर हो रही बरामदगी इस बात का सबूत है कि शराबबंदी के बाद गांजा,अफीम ,हेरोईन और चरस की माग और भी तेज हो गई है. सरकार का ही ग्राफ बता रहा है कैसे ट्रेन और हवाई जहाज से अब मादक पदार्थ बिहार पहुंच रहा है.

2015 के बाद बिहार में ड्रग्स की जब्ती में 1000 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पटना जोन के मुताबिक ओपियम और हशीश जैसे ड्रग्स के जब्ती मामले में बिहार देश में अव्वल है. गांजा जब्ती में आंध्र प्रदेश के बाद बिहार दूसरे नंबर पर है. सबसे खास बात यह है कि साल 2015 में गांजा 14.4 किग्रा जब्त हुआ. 2016 में यह 10,800 किग्रा तक पहुँच गया और 2017 में 28,888 किग्रा जप्त हुआ. ये बड़े पैमाने पर हो रही बरामदगी ये बताने के लिए काफी है कि कितने बड़े पैमाने पर नशा का कारोबार हो रहा है.आजकल शराब के विकल्प के रूप में लोग इन मादक पदार्थों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

2015 में बिहार में हशीश जैसे मादक पदार्थ की कोई जब्ती नहीं हुई थी लेकिन  2017 में यह 244 किग्रा बरामद हुआ.ओपियम 2015 में 1.7 किग्रा जब्त हुआ जबकि 2016 में 14 किग्रा और 2017 में ये आंकड़ा 329 किग्रा पहुंच गया.यानी इसकी खपत अचानक कई गुना बढ़ गई है. नशे के बाजार की पडताल राजधानी पटना की सड़कों पर सिटी पोस्ट लाईव ने शुरू की तो होश ठिकाने आ गए.सड़क के किनारे भीखमंगे बनकर बैठी महिलायें ही गांजा,अफीम और चरस बेचती नजर आईं. 10 साल से लेकर 14 साल के बच्चे इंसे अफीम  और चरस खरीदते नजर आये. चाय पान से लेकर शब्जी की दूकान नशे की दुकान में तब्दील हो गई है. सिटी पोस्ट लाईव आपको जल्द ही नशे की फैली जाल की एक विशेष तस्वीर आपको बहुत जल्द ही दिखाएगा.

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