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नीतीश सरकार से हाई कोर्ट ने किया जबाब तलब ,4 सप्ताह में देना है जबाब

अब इस मामले पर 4 सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जायेगी.

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सिटी पोस्ट लाईव : पटना हाईकोर्ट ने ऑपरेशन ड्रग माफिया के तहत दवा दुकानों का लाइसेंस रद्द किये जाने के मामले में  नीतीश सरकार से जवाब तलब किया है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन की खंडपीठ ने की सुनवाई करते हुए इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अब इस मामले पर 4 सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जायेगी. दरअसल, ऑपरेशन ड्रग माफिया के तहत राजधानी के दर्जन भर से ज्यादा दवा दुकानों में स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारकर दवाएं बरामद की थी. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार बिहार में आपरेशन ड्रग माफिया अभियान के अंतर्गत कुल 15 औषधि प्रतिष्ठानों की छापामारी की गयी थी. वहीं नौ संस्थानों का लाइसेंस निलंबित किया गया था. इसके साथ ही एक संस्थान को चेतावनी दी गयी थी. लाइसेंस बहाल करने के मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जबाब तलब किया है .

ऑपरेशन ड्रग माफिया के तहत चल रहे अभियान में पिछले एक साल में 14 ट्रक यानी करीब 210 टन एक्सपायरी व नकली दवाएं बेचे जाने का खुलासा औषधि विभाग ने किया है. विभाग ने छह जून को सगुना मोड़ स्थित मुस्तफा नगर में सेंट्रल फॉर पॉल्यूशन कंट्रोल नाम से संचालित हो रही एक फ्रेंचाइजी कंपनी के ठिकाने पर छापेमारी की तो मामला पकड़ में आया. पूछताछ के दौरान पता चला कि एक्सपायरी दवाओं को नष्ट करने के नाम से संचालित सीपीपी फ्रेंचाइजी दवाओं को नष्ट करने के बजाय कबाड़ की दुकानों पर बेच रही थी, जहां से दवा माफिया किलो के भाव से दवाओं को खरीदते थे और नकली रैपर लगाकर बाजार में बेच रहे थे.

औषधि विभाग का दावा है कि मार्केट में और भी एक्सपायरी दवाएं पहुंची हैं.गौरतलब है कि अब राज्य सरकार उन लाखों दवा दुकाओं का लाइसेंस रद्द करने जा रही हैं,जिनके पास फार्मासिस्ट नहीं है. बिहार में चार लाख से ज्यादा दवा दुकाने हैं लेकिन उस अनुपात में फार्मासिस्ट नहीं हैं.सरकार के नए नियम के अनुसार केवल उन्हीं दुकानों को लाइसेंस देना है जिनके पास फार्मासिस्ट डिग्रीधारी हैं.जाहिर ,ऐसे में लाखों दवा दुकानें बंद हो जायेगीं .सूत्रों का कहना है कि ये मामला भी आगे चलकर तूल पकड़नेवाला है क्योंकि राज्य में जीतनी दवा दुकाने हैं,उसके दस फीसदी भी फार्मासिस्ट डिग्रीधारी नहीं हैं.  

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