सिटी पोस्ट लाइव :रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर देश भर में चर्चा में आये बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने ही दल के निशाने पर आ गये.विधानसभा में गुरुवार को आए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब के दौरान उनके ही दल एवं गठबंधन के लोगों ने उन्हें घेर लिया. विधानसभा अध्यक्ष ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को स्थगित करते हुए शिक्षा मंत्री को यह निर्देश दिया कि विभाग के अपर मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर दूसरी तिथि पर पूरी तैयारी के साथ आएं.
भाई वीरेंद्र, अजय कुमार, अख्तरुल इस्लाम, विजय कुमार, अजीत कुमार सिंह, राजेश कुमार व भूदेव चौधरी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से प्रश्न उठाया था.उनका प्रश्न था कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चतुर्थ चरण के महाविद्यालयों के वादों के निस्तारण के क्रम में कुछ मामलों में पटना उच्च न्यायालय को प्राधिकृत किया था.पटना उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि तीन माह के अंदर कर्मियों की पुनर्स्थापन के साथ बकाया वेतन का भुगतान करें.इसके विरुद्ध सरकार ने एलपीए दाखिल किया, जिसे उच्च न्यायालय ने 26 सितंबर 2022 को खारिज कर दिया. इसके बाद भी सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की.विश्वविद्यालय शिक्षकों की घोर कमी झेल रहा है. सरकार वहीं एलपीए में जीत हासिल करने वाले शिक्षकों के खिलाफ संशोधन याचिका दाखिल कर सरकारी रुपये का दुरुपयोग कर रही है.
इस प्रश्न पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें यह पता नहीं है कि संशोधन स्वीकृत हुआ है या नहीं. इस विषय में न्याय निर्णय के बाद ही सरकार कोई कार्रवाई करेगी.ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने वाले विधायकों ने कहा कि कौन से पदाधिकारी षड्यंत्र कर रहे हैं? अधिकारी सामाजिक न्याय वाली सरकार को बदनाम करना चाहते हैं.शिक्षा मंत्री को भले अपने विभाग में क्या चल रहा है जानकारी नहीं है लेकिन वो विवादित बयान देकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं.एकबार फिर से विधान सभा में उन्होंने रामचरित मानस विवाद को आगे बढाने की कोशिश की लेकिन उनके सहयोगी दलों ने ही उन्हें रोक दिया.
Comments are closed.