सिटी पोस्ट लाईव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना के ज्ञान भवन में 2 दिवसीय पूर्वी भारत जलवायु सम्मेलन 2018 का उद्घाटन किया. इस मौके पर सीएम नीतीश ने जलवायु परिवर्तन को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ में बिहार का किसी तरह का योगदान नहीं है. इसके बावजूद बिहार के लोगों को इसकी सजा भुगतनी पड़ रही है. हमें इस विषय पर ज्यादा से ज्यादा चर्चा करने की जरूरत है. हमें जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरे को भांपना होगा और उससे सतर्क रहना होगा. जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार तत्वों को समझना जरूरी है.
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा कई पर्यावरणविद् भी शामिल हुए. केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत न सिर्फ जलवायु परिवर्तन से जूझ सकता है बल्कि दुनिया के सामने एक मॉडल भी प्रस्तुत कर सकता है. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गरीबों पर जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. दुनिया के देशों को जलवायु परिर्वतन की चुनौतियों से मुकाबला के लिए ‘ग्रीन क्लाइमेट फंड’ बनाया गया है. बिहार ने भी 339.92 करोड़ का प्रस्ताव नाबार्ड के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा है. बिहार समेत पूर्वी भारत के अन्य राज्यों द्वारा ‘स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’ तैयार किया गया है. इसके अंतर्गत कृषि, वन, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, नगर विकास, नगर परिवहन, उद्योग, ऊर्जा और स्वास्थ्य आदि के लिए रणनीति बनाई गई है.
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