सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा का बजट सत्र गुरुवार को भी काफी हंगामेदार रहा.विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. अध्यक्ष के आसन के समक्ष (वेल) पहुंच नारेबाजी की. रिपोर्टर टेबल को पलट दिया.जब मार्शल ने रिपोर्टर टेबल को संभाला तो फिर वेल में पड़ी कुर्सियों को रिपोर्टर टेबल पर फेंक दिया. प्रश्नकाल के तहत सदन में काम चलता रहा तो कुछ देर बाद भाजपा के सभी विधायकों सदन का बहिर्गमन (वाकआउट) कर दिया.
हंगामे का कारण आरंभ में किसी को समझ में नहीं आया. सदन की कार्रवाई जैसे ही आरंभ हुई कि नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा अपनी सीट से उठे और यह प्रश्न किया कि सरकार ने बजट में रोजगार की बात कही है, लेकिन बेरोजगार पलायन के लिए विवश हैं. इस पर चर्चा होनी चाहिए।उसी दौरान भाकपा (माले) के सत्यदेव राम अपनी सीट पर खड़े हो गए और भाजपा के संजय सरावगी पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने माले विधायक दल के नेता महबूब आलम के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी की है.उसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाए. इस पर नेता प्रतिपक्ष फिर अपनी सीट पर खड़े हो गए और कहा कि महबूब आलम ने संजय सरावगी पर जो टिप्पणी की थी, उसी की प्रतिक्रिया में टिप्पणी हुई.
अगर आप प्रतिष्ठा पाना चाहते हैं तो प्रतिष्ठा देना सीखिए. इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष रोजगार के मसले पर पुन: शुरू हो गए. मंत्री श्रवण कुमार ने उन्हें टोकते हुए कहा कि किस नियम के आधार पर वे सदन में अपनी बात कह रहे हैं.वस्तुत: वे सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं. वे नियम को तार-तार नहीं करें. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि आसन अगर स्वीकृति नहीं देता तो उस पर चर्चा नहीं की जाए.इसके बाद विपक्ष के विधायक सदन के समक्ष आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. उस दौरान एक भी अल्पसूचित प्रश्न नहीं लिया जा सका। हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने तारांकित प्रश्न ले लिया.
इस पर विपक्ष का हंगामा और तेज हो गया। विपक्षी सदस्य रिपोर्टर टेबल पीटने लगे. बाद में उसे पलट भी दिया. मार्शल के आने पर कुर्सियों को रिपोर्टर टेबल पर फेंक दिया.आखिर में बहिर्गमन कर गए. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विरोधी दल के नेता अपने ही काम को बाधित कर रहे हैं. जनतंत्र में उनका कितना विश्वास है, इसे वे प्रदर्शित कर रहे हैं.
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