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उपेन्द्र कुशवाहा ने बना ली है नई पार्टी, JDU को कहा गुडबाय.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजनीति की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है, जेडीयू संसदीय बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बड़ा फैसला लिया है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को JDU से अलग होकर अपनी नई पार्टी के गठन का ऐलान (Upendra Kushwaha Formed New Party) कर दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नयी पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनता दल (Rashtriya Lok Janta Dal) पार्टी रखा है.उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि दो दिनों से पटना कार्यकर्ताओं के साथ चल रही बैठक में मुझे अपने साथियों से जो फीडबैक मिला उसके आधार पर अब नई पार्टी बनाने का समय आ गया है.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बैठक में शामिल होने पहुंचे जेडीयू के कई कार्यकर्ताओं ने वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुये मुझसे अलग पार्टी बनाने का निवेदन किया. ऐसे में कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुये हमलोगों ने नई पार्टी के गठन का निर्णय ले लिया है.उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आज से नयी हमलोगों की नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले हम जेडीयू में आए तो राज्य के सामने एक विशेष परिस्थिति थी. जननायक की विरासत संभालने की जिम्मेवारी लोगों ने लालू यादव को दी. शुरुआती दौर में लालू ने जनता के हितों को उठाया लेकिन बाद में उनमें भटकाव आ गया. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने शुरुआती दौर में बहुत बेहतर काम किया. लेकिन बाद में अंत बुरा हो गया. अंत बुरा तो सब बुरा.

 

उन्होंने कहा कि मैंने आज सुबह ही मुख्यमंत्री, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जदयू के राज्य सभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह को सुबह में पार्टी से अलग होने की जानकारी दे दी थी. मैं जेडीयू के सारे पदों और जिम्मेदारियों को छोड़ रहा हूं. बता दें, आज उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में नयी पार्टी के गठन का राजनीतिक प्रस्ताव लाया गया और वह पारित भी हो गया है. इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ है. उनको पार्टी के नाम, झंडा और कई जिम्मेदारियों के लिए अधिकृत किया गया है.

 

मीडिया को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद हम नीतीश कुमार के साथ हो गये. नीतीश कुमार ने हमे आवाज दी और हम साथ हो लिये. लेकिन, जिस तरह से कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार ने आरजेडी के किसी नेता को अपनी विरासत सौंपने की बात कही, उसके बाद से पार्टी के कार्यकर्ताओं को काफी निराशा हुई. हमने इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नीतीश कुमार दोनों को पार्टी की स्थिति की जानकारी दी. हमने जब आवाज उठाई तो मुख्यमंत्री ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा को जहां जाना है चले जाएं.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के इस बयान के बाद मैंने जेडीयू में अपने हिस्से की मांग की थी. लेकिन, आज नीतीश कुमार के हाथ में कुछ है ही नहीं. उन्होंने पूरी विरासत को गिरवी रखने का काम किया. अब उनके पास हिस्सा देने के लिए कुछ नहीं है. इसलिए उनसे क्या मांगे? इसलिए हमलोगों ने अलग पार्टी के गठन का निर्णय लिया है.

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