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आज है कुशवाहा का शक्ति परिक्षण, कार्यकर्ताओं को पटना बुलाया.

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सिटी पोस्ट लाइव :आज  JDU के बागी नेता उपेन्द्र कुशवाहा की अग्नि परीक्षा है.नीतीश कुमार के लिए चुनौती बने उपेन्द्र कुशवाहा आज 19  फरवरी से पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक कर रहे हैं.उनकी इस बैठक में पार्टी के कितने नेता-कार्यकर्त्ता शामिल होते हैं, उसी से उनकी ताकत का अंदाजा लगेगा.आज  कुशवाहा  ने पार्टी कार्यकर्ताओं को पटना बुलाया है. उनका कहना है कि पार्टी कमजोर हो रही है. पार्टी को मजबूती देने के लिए 19-20 फरवरी को पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को पटना बुलाया गया है.

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में किसी पद पर नहीं है. कुशवाहा ने 19 और 20 फरवरी को पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में बैठक बुलाई है. वे कह रहे हैं कि पार्टी और नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए राजद से डील हुई है. इसी पर चर्चा होगी. वैसे हालात से साफ है कि इस बैठक में नीतीश कुमार के खिलाफ ही रणनीति बनेगी.उपेंद्र कुशवाहा बार-बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार को कमजोर किया जा रहा है. मुझे नीतीश जी बुलाएं. मैं सब कुछ साफ कर दूंगा. कुशवाहा बार-बार महागठबंधन में जाने से पहले जेडीयू की डील की भी बात कर रहे हैं.

कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम से सीधे तौर पर सवाल किया था, वो बताएं कि कौन सी डील हुई है? क्यों राजद के लोग कह रहे हैं कि उनके नेता को शपथ दिलाई जाए? मुख्यमंत्री अभी चेत जाएं नहीं तो मुश्किल होगी.कुशवाहा ने कुछ दिन पहले पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम खुला पत्र लिखा था. अपनी चिट्ठी में लिखा, प्रिय साथियों, हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से रोज और रोज कमजोर होती जा रही है. महागठबंधन बनने के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के समय से ही मैं पार्टी की स्थिति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अवगत कराते आ रहा हूं. समय-समय पर पार्टी की बैठकों में ही में भी मैंने अपनी बातें रखी है. विगत एक डेढ़ महीने से मैंने हर संभव तरीके से इस ओर कोशिश की है कि अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके.

मेरी कोशिश आज भी जारी है. लेकिन, तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रही है बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है. मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूं आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ों लोगों का क्या होगा? जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान दिया है.

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