सिटी पोस्ट लाइव : उपेंद्र कुशवाहा आरपार के मूड में हैं.सबसे बड़ी बात ये है कि वो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं.उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है इसलिए समझौते की भी गुंजाइश नहीं है.सबको इंतजार उपेंद्र कुशवाहा पर होने वाली कार्रवाई का लेकिन इस बीच उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर से पार्टी के नेताओं को कड़ा जवाब दिया है.
उपेंद्र कुशवाहा को लेकर JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के इस बयान के बाद कि उपेन्द्र कुशवाहा पार्टी के किसी पद पर नहीं हैं उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद झुनझुना है. ललन सिंह ने अपने बयान से ये साबित कर दिया है कि संसदीय बोर्ड अध्यक्ष का पद केवल कागज पर है. कुशवाहा ने यहां तक कह दिया कि मुझे भगोड़ा कहने से पहले नीतीश कुमार ये समझें कि लोग उनके बारे में क्या कहते हैं. नीतीश कुमार अपने सहूलियत के अनुसार गठबंधन बदलते रहे हैं. दूसरे पर देखने के पहले नीतीश कुमार को खुद अपने में देखना चाहिए.
कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ के लोगों ने पलटू राम जैसे शब्द का इस्तेमाल किया. नीतीश कुमार को बताना होगा कि आरजेडी से डील क्या हुई. नीतीश कुमार पहले डील का खुलासा करें. जेडीयू के बागी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी लगातार कमजोर हो रही है. जेडीयू में मुझे क्या मिलेगा यह सवाल नहीं है , लोगों के मन में जो आशंका है, वह मैंने उठाया है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैंने 19 और 20 फरवरी को पार्टी की मजबूती के लिए बैठक बुलाई है, जदयू को बचाने के लिए बैठक बुलाई गई है. यदि मुख्यमंत्री बोल दें तो मैं एमएलसी का पद भी छोड़ दूंगा.
उपेंद्र कुशवाहा के बयानों पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जैसे लोगों का हम लोग नोटिस नहीं लेते हैं. यदि वह पद को झुनझुना बोलते हैं तो वह क्यों रखे हुए हैं, हिम्मत है तो छोड़ दे. शुरू से ही उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार को ब्लैकमेल करते रहे हैं. उमेश ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जब से जदयू में आए पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा पर कार्रवाई के लिए आंकलन किया जा रहा है. वो स्वार्थी और अवसरवादी नेता हैं. उपेंद्र कुशवाहा जब जदयू में आए तब उन्होंने कहा था कि हम कोई पद नहीं लेंगे आज बड़े पद के लिए ललाइत हैं.
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