शिक्षकों की बहाली पंचायत और नगर निकाय नियोजन इकाई नहीं बल्कि आयोग से माध्यम से होगी. ऑनलाइन एक ही आवेदन देना होगा. आवेदन में दिए विकल्प के अनुसार उम्मीदवारी तय होगी. कैबिनेट से मंजूरी लेकर विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा. नई व्यवस्था से शिक्षा गुणवत्ता बेहतर होगी.
सिटी पोस्ट लाइव : अब बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से बदलनेवाली है.पहले की तरह अब शिक्षकों की नियुक्ति पंचायत और नगर निकायों की नियोजन इकाइयों के माध्यम से नहीं होगी. अब शिक्षकों की नियुक्ति आयोग (बीपीएससी, बीपीएससी या विद्यालय सेवा आयोग संभावित) के माध्यम से होगी.शिक्षा मंत्री के अनुसार शिक्षा विभाग ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 का प्रारूप लगभग तैयार कर लिया है. नई नियमावली से बहाल शिक्षकों का कैडर जिला होगा. सभी 38 जिलों में नियोजन इकाई होगी. इससे शिक्षकों के स्थानांतरण और सर्टिफिकेट के रख-रखाव की समस्या नहीं होगी. शिक्षकों पर शिक्षा विभाग का सीधा नियंत्रण होगा.
2005 से 2015 तक बहाली में कई गड़बड़ियां हुईं. अभी 80 हजार से अधिक शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच का मामला निगरानी विभाग में फंसा है.नई नियमावली से अवकाश स्वीकृति, वेतन भुगतान, वेतन वृद्धि, प्रोन्नति एवं अन्य मामलों के त्वरित निष्पादन में सहूलियत होगी.पुरानी नियमावली के कारण विभिन्न नियोजन इकाई में ट्रांसफर में दिक्तत थी. आरक्षण रोस्टर से लेकर खाली पद की जानकारी जैसी कई दिक्कतें थीं.
इस माह के अंत तक नई नियमावली को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद बहाली प्रक्रिया अगले दो से तीन माह में शुरू हो जाएगी. सबसे पहले हाईस्कूलों में 1.22 लाख शिक्षकों की नियुक्ति होगी. फिर प्रारंभिक स्कूलों में 80,257 शिक्षकों की बहाली होगी. शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि 2023-24 में शिक्षकों के रिक्त पदों पर बहाली करने का है.पुरानी नियमावली में मात्र वेतन संरक्षण का प्रावधान था. नई नियुक्ति नियमावली में सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का स्पष्ट प्रावधान होगा।शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को पंचायती राज विभाग और नगर विकास विभाग को शिकायत करनी होती थी. इसमें कई पेच थे।पारदर्शिता अधिक होगी. केंद्रीयकृत तरीके से ऑनलाइन आवेदन लेकर बहाली होगी तो गलत सर्टिफिकेट के आधार पर बहाली पर रोक लगेगी.
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