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5 फरवरी को माघ पूर्णिमा,बना रहा है अति दुर्लभ रवि पुष्‍य योग.

माघ पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये काम, देवी लक्ष्मी बना देंगी धनवान

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सिटी पोस्ट लाइव : माघ पूर्णिमा पर गंगा स्‍नान का विशेष महत्‍व होता है. लेकिन इस साल की माघ पूर्णिमा के दिन कई दुर्लभ योग एक साथ बन रहे हैं. माघ पूर्णिमा पर अश्‍लेषा नक्षत्र में चंद्रमा, गुरु और शनि तीनों ग्रह अपनी ही राशि में मौजूद होंगे. इसके साथ ही माघ पूर्णिमा पर अति दुर्लभ रवि पुष्‍य योग भी बन रह रहा है. रविवार को जब पुष्‍य योग बनता है तो इसे रवि पुष्‍य योग कहते हैं. इस बार की पूर्णिमा 5 फरवरी यानी रविवार को है. इन शुभ योग में मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए कुछ उपाय बेहद फलदायी माने जाते हैं.

माघ महीने की पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को है. माघ माह में आने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहा जाता है. यह सभी पूर्णिमाओं में सबसे मानी जाती है. माघ पूर्णिमा के दिन कुछ खास काम करने से भगवान विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है .हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का बहुत ही महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन किए गए स्नान, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष फल होता है. शास्त्रों में वैसे तो सभी पूर्णिमाओं का महत्व बताया गया है लेकिन माघ मास की पूर्णिमा बहुत ज्यादा फलदायी मानी गई है.

कहा जाता है कि इस दिन स्वर्ण से समस्त देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और गंगा में स्नान करते हैं. इसीलिए इस दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है. इस वर्ष माघ पूर्णिमा पांच फरवरी 2023 को है. माघ पूर्णिमा आरंभ- 4 फरवरी 2023 (शनिवार) को रात्रि 9.29 बजे होगा और माघ पूर्णिमा समापन-5 फरवरी 2023 (रविवार) को रात्रि 11.58 बजे होगा.उदयातिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा 05 फरवरी को ही मनाई जाएगी. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 07 से लेकर दिन में 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. साथ ही इस दिन पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र का निर्माण भी हो रहा है जो माघ पूर्णिमा के लिए बेहद शुभ माना जाता है.

माघ पूर्णिमा के दिन पूजा, जप, तप और दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. साथ ही मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. माघ पूर्णिमा कितनी खास है, इसका उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है. माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर स्वर्ग से देवी-देवता रूप बदलकर पृथ्वी पर आते हैं और प्रयागराज में गंगा स्नान करते हैं. यह भी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से भक्तों की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. साथ ही दुख-दर्द और बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है.

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