सिटी पोस्ट लाइव : 26 जनवरी गुरुवार को वसंत पंचमी ( सरस्वती पूजा) है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं. इस साल वसंत के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत 4 शुभ योग बन रहे हैं.राज पंचक योग भी बन रहा है. इन शुभ योग में सरस्वती पूजा करने से आपके मन की मुराद पूरी हो सकती है.विदिशा के गुरु लखन प्रसाद शास्त्री के अनुसार इस साल सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह से ही बना हुआ है. 26 जनवरी को सुबह 07:12 बजे से आप मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं. पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:34 बजे तक है.
सरस्वती पूजा के लिए मां शारदा की एक मूर्ति या फिर तस्वीर, गणेश जी की मूर्ति, लकड़ी की एक चौकी, उसके लिए एक पीला वस्त्र, मां सरस्वती के लिए पीले रंग की साड़ी और चुनरी, पीले फूल और उसकी माला, पीले रंग का गुलाल, रोली, चंदन, अक्षत्, दूर्वा, गंगाजल, एक कलश, सुपारी, पान का पत्ता, अगरबत्ती, आम के पत्ते, धूप, गाय का घी, कपूर, दीपक, हल्दी, तुलसी पत्ता, रक्षा सूत्र, भोग के लिए मालपुआ, खीर, बेसन के लड्डू, दूध से बनी बर्फी आदि.
सबसे पहले चौकी पर मां सरस्वती, गणेश जी और कलश की स्थापना करेंगे. उसके बाद उनका जल से अभिषेक करें. फिर माता सरस्वती और गणेश जी को पूजन सामग्री अर्पित करेंगे. उसके बाद भोग लगाएंगे. इस दौरान सरस्वती चालीसा, सरस्वती वंदना, गणेश मंत्र और दोनों की आरती करनी चाहिए.सरस्वती पूजा के हवन के लिए एक कुंड, आम, चंदन, बेल, नीम, मुलैठी, पीपल, गुलर, पलाश, अश्वगंधा आदि की सूखी लकड़िया, तना, छाल आदि, गाय के गोबर की उप्पलें, एक पैकेट हवन सामग्री, लोभान, गुग्गल, शक्कर, अक्षत्, काला तिल, घी, जौ, सूखा नारियल, एक लाल रंग का कपड़ा, मौली या रक्षा सूत्र, कपूर आदि.
पूजा के बाद हवन कुंड में सामग्री डालकर कपूर और उप्पलों की मदद से आग जलाएं. फिर सबसे पहले गणेश जी, त्रिदेव, नौ ग्रह के लिए आहुति दें. फिर आप ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा मंत्र का जाप करते हुए कम से कम 108 बार मां सरस्वती के लिए आहुति दें. उसके बाद सूखे नारियल को मौली या लाल रंग के कपड़े से बांधकर हवन में स्थापित कर दें. फिर मां सरस्वती की आरती करके पूजा का समापन करें.
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