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उपेन्द्र कुशवाहा ने साधा नीतीश कुमार पर निशाना.

'JDU में जो जितना बड़ा नेता...वो उतना BJP से नजदीक, JDU हो रही है कमजोर, करेगें इसे दुरुस्त.

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सिटी पोस्ट लाइव : JDU के अन्दर जारी घमशान अब खुलकर सामने आ गया है.पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एकबार फिर से नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. दिल्ली से लौटते ही BJP से नजदीकियों की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमारी पार्टी में जो जितना बड़ा नेता है, वो उतना ज्यादा बीजेपी के संपर्क में है.जाहिर है उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश का नाम तो नहीं लिया, लेकिन JDU में उनसे बड़े पद पर सिर्फ नीतीश कुमार और ललन सिंह ही हैं.
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमारी पार्टी ही दो-तीन बार भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में गई और फिर संपर्क से हट गई. पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से जो आवश्यक होता है, वह करती है. तो मेरे जाने पर इतनी हायतौबा क्यों? उन्होंने तंज कसे हुए कहा कि दिल्ली में जो व्यक्ति है. वह अस्पताल में 100 फीसदी जिंदा है लेकिन उसका पोस्टमार्टम बिहार में लोग कर रहे हैं. मुझको लगता है कि चिकित्सा विज्ञान की सबसे नवीनतम तकनीकी है. कोई व्यक्ति जिंदा सौ फीसदी दिल्ली में भर्ती हो और पोस्टमार्टम किसी दूसरे राज्य में उसका हो रहा है.

दिल्ली में इलाज के दौरान बीजेपी के नेता उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात करने पहुंचे थे.इसको लेकर से यह कयास लगाए जा रहे थे कि उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी के किसी नेता से मुलाकात का मतलब निकालना है कि हम बीजेपी के संपर्क में हैं, गलत है. भाजपा नेताओं से हमारी पार्टी के जो जितना बड़ा नेता है, वह उतना ही ज्यादा संपर्क में है.उन्होंने कहा कि मेरे साथ एक तस्वीर क्या आ गई, बात का बतंगड़ बना दिया गया. इसका कोई मतलब है क्या? व्यक्तिगत संबंध किसी के साथ किसी का हो सकता है. अस्पताल में अगर कोई व्यक्ति मिल रहा हो तो इसे राजनीति से जोड़कर देखना कहां तक उचित है ?

इतने पर ही उपेन्द्र कुशवाहा नहीं रुके.उन्होंने एकबार फिर से दुहराया कि पार्टी कमजोर हो रही है.उसे दुरुस्त करने के लिए जो जरुरी है वो कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि पार्टी के तमाम नेता ये मानते हैं कि पार्टी कमजोर हो रही है.ये दीगर बात है कि मेरे जैसे सबलोग मीडिया के सामने नहीं बोल रहे हैं.उपेन्द्र कुशवाहा की बातों से साफ़ है कि वो सीधे सीधे नीतीश कुमार को पार्टी कमजोर करने के लिए जिम्मेवार मान रहे हैं.इसका एक मतलब ये भी है कि उपेन्द्र कुशवाहा अकेले बीजेपी में जाने की तैयारी नहीं कर रहे.उन्होंने अपनी संस्था महात्मा फुले परिषद् को अचानक बहुत सक्रीय कर दिया है.

उपेन्द्र कुशवाहा के बीजेपी के संपर्क में होने की खबर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि वह फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. वह खुद फैसला ले सकते हैं, इसका जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किस बात का फैसला लेना यह तय करने वाले मेरे अलावा कौन हो सकता है? हमारी चिंता का विषय है कि JDU कमजोर हो रहा है. इसकी मजबूती के लिए हम लगातार प्रयास करेगें.

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