जातिगत जनगणना का मामला पहुंचा हाईकोर्ट.
पटना हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के बाद उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गिनाये इसके फायदे.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शुरू हुई जातीय जनगणना कराये जाने का मामला अब पटना हाईकोर्ट में पहुँच गया है. पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया गया है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि यह जनगणना कहां से गलत है. यह जाति आधारित गणना है और भारत सरकार जनगणना करा सकती है राज्य सरकार नहीं करा सकती, इसीलिए यह जातीय जनगणना नहीं जाति आधारित गणना है और इससे बजट को लेकर काफी लाभ होगा. इसमें सिर्फ जाति की गणना नहीं बल्कि आर्थिक हालात क्या है उसकी भी गणना होनी है. जब तक आपके पास साइंटिफिक डाटा नहीं होगा आप काम कैसे करेंगे, योजना कैसे बनाएंगे, इसलिए यह बेहद जरूरी है.
उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने पहले कराया था और हम लोग उत्तर भारत में पहली बार 1931-32 के बाद करवा रहे हैं. तेजस्वी ने इसका लाभ बताते हुए कहा कि आपके पास डाटा तो होना चाहिए कि क्या स्थिति है. लोगों के लिए कल्याणकारी योजना हम कैसे लाएंगे, कौन लोग गरीब हैं, इसमें सब कुछ पता चलेगा इसमें गड़बड़ क्या है. अगर यह गड़बड़ है तो फिर देश में हिंदू और मुसलमानों की गिनती क्यों होती है अनुसूचित जाति जनजाति की गिनती क्यों होती है. जानवरों की गिनती क्यों होती है.
तेजस्वी ने कहा कि हम लोगों का मकसद है ग्राउंड रियलिटी को जानना और बराबरी का मौका देना. जो लोग इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं या विधानसभा हो या परिषद दो-दो बार हर जगह से दो-दो बार पारित हुआ है सर्व सम्मति से पारित हुआ है. तेजस्वी ने कहा कि जनगणना कराने से पहले बैठक भी बुलाई गई थी जिसमें भाजपा के लोग भी शामिल थे. उन लोगों ने भी सहमति जताई थी. उन लोगों ने भी कुछ सुझाव दिए थे उसके बाद ही काम शुरू हुआ है. यह सब बेकार की बातें हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
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