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उपचुनाव में हार के वावजूद क्यों खुश हैं VIP सुप्रीमो मुकेश सहनी?

कुढनी जश्न मनाने जायेगें मुकेश सहनी, बातेगें अपने समर्थकों के बीच 1 हजार किलो लड्डू.

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सिटी पोस्ट लाइव : कुढ़नी विधान सभा के उप चुनाव में जीत के बाद बीजेपी तो जश्न मना ही रही है लेकिन सबसे ज्यादा खुश हैं मुकेश सहनी जिनकी पार्टी तीसरे नंबर पर है.चुनाव में करारी शिकस्त और तीसरे नंबर के खिलाड़ी रहने के वावजूद मुकेश सहनी ने 1 टन लड्डू बांटने का ऐलान किया है.दरअसल, इस चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवार को 10 हजार वोट मिले हैं..मुकेश सहनी ने चुनाव परिणाम आने के बाद पटना में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुढ़नी में वीआईपी को निषाद का 10 हजार वोट मिला है.मुकेश सहनी 10 दिसंबर को एक टन लड्डू लेकर जनता के साथ जश्न मनाने जाएंगे.

कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव परिणाम ने भले ही वीआईपी को तीसरे नंबर पर रखा हो, लेकिन चुनाव परिणाम को वीआईपी चीफ मुकेश सहनी इसे अपनी पार्टी और अपने लिए कामयाबी के तौर पर देख रहे हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी सीट पर हुए उपचुनाव का नतीजा बीजेपी के पक्ष में गया है. बीजेपी ने सत्तारूढ़ महागठबंधन से कुढ़नी सीट छीन ली है. कुढ़नी की ‘लडाई’ में बीजेपी उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता ने जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा को कांटे की लड़ाई में 3645 वोटों से हरा दिया. कुढ़नी सीट पर हुए कांटे के मुकाबले में केदार गुप्ता को 76 हजार 653 वोट मिले, जबकि मनोज कुशवाहा को 73008 वोट मिले.

कुढ़नी में अपनी पार्टी का ताकत आंक रहे मुकेश सहनी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली. वीआईपी उम्मीदवार नीलाभ कुमार को केवल 10 हजार वोट मिले और वे तीसरे नंबर पर रहे. कुढ़नी में मिली हार पर मुकेश सहनी निराश नहीं है. मुकेश सहनी ने कहा कि वे कुढ़नी की जनता के साथ जश्न मनाएंगे. पटना में वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने अपने उम्मीदवार के प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए बीजेपी के केदार गुप्ता को जीत की बधाई दी. मुकेश सहनी ने कहा कि कुढ़नी में भले ही हमारे प्रत्याशी नीलाभ कुमार की हार हुई हो लेकिन पार्टी को एक कामयाबी भी इस उपचुनाव में मिली है. उन्होंने कहा कि वो कामयाबी है निषाद वोट मिलन. उन्होंने कहा कि वीआईपी के अलावा कोई पार्टी कह दे कि उसे दो हजार निषाद का वोट भी मिला है. वीआईपी को 10 हजार निषाद वोट मिला है. यही मेरी और मेरी पार्टी की कामयाबी और जीत है. इसके लिए कुढ़नी की जनता का आभार.

चुनाव में हार के वावजूद मुकेश सहनी फायदे में हैं.उन्होंने दस हजार वोट पाकर ये साबित कर दिया है कि अकेले भले वो चुनाव नहीं जीत सकते लेकिन जिसके साथ होगें उसे जिताने और जिसके खिलाफ होगें उसे हारने का दमखम जरुर रखते हैं.इसमे शक की कोई गुंजाइश नहीं कि मुकेश सहनी को नजर-अंदाज  करना NDA या फिर महागठबंधन के लिए आसान नहीं होगा.मुकेश सहनी अपने इसी वोट बैंक के आधार पर चुनाव में राजनीतिक दलों से मोलभाव कर पायेगें.

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