सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में डेंगू ने आतंक मचा रखा है. बुखार होने पर 80 प्रतिशत मरीजों को डेंगू की जांच करानी पड़ रही है. चिंताजनक यह भी है कि जांच कराने वालों में 70 प्रतिशत तक लोगों में डेंगू की पुष्टि हो रही है. नतीजा यह है कि निजी और सरकारी पैथोलाजी जांच केंद्रों में लंबी कतार लग रही है.पीएमसीएच और एनएमसीएच में दो सौ से अधिक तो न्यू गार्डिनर रोड सुपरस्पेशियलिटी जैसे छोटे हास्पिटल में हर दिन 125 से अधिक मरीज डेंगू व प्लेटलेट्स की जांच कराने पहुंच रहे हैं.
गार्डिनर रोड सुपरस्पेशियलिटी जैसे छोटे हास्पिटल में आने वाले हर रोगी की जांच के लिए अस्पतालों ने विशेष व्यवस्था है.पीएमसीएच ने बुखार से तपते रोगियों के बैठने आदि के लिए कैंप लगाकर बैठने की व्यवस्था की गई है. न्यू गार्डिनर में डेंगू रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए लिवर और किडनी फंक्शन जैसे टेस्ट बंद कर दिए गए हैं. दो बार में एलाइजा विधि से डेंगू और प्लेटलेट्स काउंट की जांच की जा रही है.पीएमसीएच के प्राचार्य डा. विद्यापति चौधरी ने बताया कि डेंगू बुखार से पीडि़त बड़ी संख्या में मरीज जांच कराने माइक्रोबायोलाजी विभाग पहुंच रहे हैं. विभाग में सामान्य दिनों में छह से आठ रोगियों के बैठने की ही व्यवस्था है.
अधिक रोगी होने से बुखार होने के बावजूद रोगियों को काफी देर तक बाहर खड़ा रहना पड़ता था. इसे देखते हुए माइक्रोबायोलाजी विभाग परिसर में खाली जगह पर टेंट व कुर्सिंया लगवाई गई हैं. रोगी आराम से अपना नंबर आने तक वहां बैठ सकते हैं. इसके अलावा सैंपल कलेक्शन के लिए अलग कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं ताकि डेंगू रोगियों को अधिक देरतक इंतजार नहीं करना पड़े. राजधानी के हृदयस्थल आयकर गोलंबर पर स्थित होने के कारण हर दिन सामान्य जांच कराने के लिए भी औसतन डेढ़-दो सौ मरीज पहुंचते हैं. इसके लिए सरकार ने यहां करोड़ों की मशीनें स्थापित कराई हैं लेकिन पैथोलाजिस्ट और तकनीशियन की नियुक्त नहीं की है. यहां एक पैथोलाजिस्ट को प्रतिनियुक्त किया गया है.
निदेशक डा. मनोज कुमार सिन्हा यहां चलने वाले टीबी कंट्रोल प्रोग्राम के पैथोलाजिस्ट की मदद से व्यवस्था दुरुस्त रखने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन डेंगू के मामले बढऩे के बाद स्थिति गड़बड़ा गई है. हर दिन औसतन 125 से अधिक मरीज सिर्फ डेंगू और प्लेटलेट्स की जांच कराने पहुंच रहे हैं. एलाइजा विधि से डेंगू की जांच का बैच करने में करीब साढ़े तीन घंटे का समय लगता है.ऐसे में दोनों कर्मचारी सुबह 8 से शाम चार बजे तक सभी का सैंपल लेकर दो बैच में सिर्फ डेंगू और प्लेटलेट्स की जांच कर पा रहे हैं. इसे देखते हुए अभी थायराइड, किडनी व लिवर प्रोफाइल समेत कई तरह की जांच रुकवा कर डेंगू व प्लेटलेट्स जांच की रिपोर्ट समय पर देने का प्रयास किया जा रहा है.
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