केजरीवाल को गुजरात में रोकेगें चिराग पासवान?
गुजरात में बड़ी तैयारी,18 दिनों में दो बार वहां गए चिराग, पार्टी लड़ेगी कई सीटों पर चुनाव.
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में जिस तरह से चिराग पासवान के जरिये विधान सभा चुनाव में निबटाया उसी तर्ज पर अब गुजरात में अरविन्द केजरीवाल के खिलाग BJP इस्तेमाल करनेवाली है?जमुई सांसद चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी इस बार गुजरात के चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. गुजरात की आबादी साढ़े 6 करोड़ से अधिक है. इनकी आबादी का करीब 5 प्रतिशत लोग बिहार के हैं, यानी 30 लाख लोग जो विधानसभा में वोट देते हैं. इनके अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग भी बड़ी संख्या में वहां रहते हैं. सूत्र बताते हैं कि चिराग पासवान के जरिए उत्तर भारतीयों को साधने की तैयारी चल रही है. चिराग पासवान केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सूरत में आयोजित अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले और देश के गृह मंत्री अमित शाह थे.
चिराग पासवान फिर से गुजरात गए. वहां अपने पार्टी के नेताओं से मिले. विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर काफी सारी बातें हुई. गुजरात में अपनी पार्टी को मजबूत कैसे करेंगे? पार्टी के विस्तार को लेकर भी काफी सारी बातें हुई. इन सब के साथ ही गोधरा में ही पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को भी उस दिन चिराग पासवान ने संबोधित किया था.वहां चिराग पासवान की पार्टी का बेस नहीं है. फिर क्या खिचड़ी पक रही है?दरअसल, गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. दिसंबर महीने में वहां चुनाव होने की संभावना है. भारतीय जनता पार्टी ने वहां लगातार अपना वर्चस्व कायम कर रखा है. दिल्ली और पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी की नजर गुजरात पर है.
जमुई सांसद चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी इस बार गुजरात के चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. सीट और उम्मीदवार को लेकर पार्टी की तरफ से काम किया जा रहा है.गुजरात की आबादी साढ़े 6 करोड़ से अधिक है. इनकी आबादी का करीब 5 प्रतिशत लोग बिहार के हैं, यानी 30 लाख लोग जो विधानसभा में वोट देते हैं. इनके अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग भी बड़ी संख्या में वहां रहते हैं. सूत्र बताते हैं कि चिराग पासवान के जरिए उत्तर भारतीयों को साधने की तैयारी चल रही है. संभावना है कि ये भाजपा के प्लान B का एक हिस्सा है.इस प्लान के जरिए आम आदमी पार्टी को मजबूत स्थिति में वहां आने से रोका जा सकता है.भाजपा को लगता है कि लुभावने वादों के जरिए अरविंद केजरीवाल दिल्ली और पंजाब के तर्ज पर गुजरात में भी खेल कर सकते हैं. इसलिए उत्तर भारतीयों को आम आदमी पार्टी की तरफ मूव करने से रोकने के लिए लोजपा (रामविलास) को वहां उतारने की कवायद चल रही है.
2020 में बिहार विधानसभा के चुनाव में जब NDA गठबंधन में नीतीश कुमार थे लोकजनशक्ति पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग ने अकेले चुनाव लड़ा .नीतीश कुमार के जदयू के खिलाफ ही इन्होंने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा कर दिए. इसका बड़ा असर रिजल्ट पर दिखा भी था. जदयू की सीटें कम हो गई थीं.जदयू को सीधे 28 सीटों का नुकसान हुआ था. इस रिजल्ट के बाद ही आरोप लगने लगे कि भाजपा के इशारे पर चिराग पासवान ने बिहार में जदयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, अपनी सभाओं में चिराग पासवन बार-बार कहते रहे हैं कि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खराब नीतियों का विरोध करते हैं.
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