बिहार में जल्द होंगे मध्यावधि चुनाव:चिराग पासवान .
चिराग ने कहा- RJD-JDU में विरोधाभास, ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी सरकार, करें चुनाव की तैयारी.
सिटी पोस्ट लाइव :नालंदा जिले के राजगीर में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में चिराग पासवान ने अपने चाचा (पशुपति कुमार पारस) पर जमकर हमला बोला.उन्होंने कहा -चाचा ने मेरी पीठ में खंजर भोंका है .अब कभी भी उनके साथ या उनके साथ वाले गठबंधन का हिस्सा नहीं बनूंगा.चिराग पासवान ने एक बार फिर बिहार में शीघ्र ही मध्यावधि चुनाव होने का दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल पाएगी. लोजपा रामविलास गुट के कार्यकर्ताओं के राजगीर में चल रहे प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन उन्होंने कहा कि राजद और जदयू के नेताओं के हाल के दिए बयानों से ही साफ हो रहा है कि दोनों ही दलों में काफी विरोधाभास है.
नालंदा जिले के राजगीर में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में चिराग पासवान ने कहा, अभी किसी दल के साथ मेरी पार्टी का गठबंधन नहीं है. लोकसभा के चुनाव के वक्त गठबंधन होगा. वर्तमान में हम अकेले चल रहे हैं और जनता के हित में काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री बनने की इच्छा नहीं नहीं है. बनना होता तो 2020 में ही बन गया होता.लोजपा रामविलास के अध्यक्ष ने कहा, मुझे मंत्री बनना होता तो 2020 में नीतीश कुमार की गलत नीतियों के साथ समझौता कर लिया होता तो आज मैं भी केंद्र में मंत्री होता. हमारे दल के दो तीन मंत्री बिहार सरकार में होते. लेकिन, मैं अपने नेता रामविलास पासवान जी से कभी नजरें नहीं मिला पाता अगर नीतीश कुमार की गलत नीतियों के साथ समझौता कर लिया होता.
चिराग पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान जी के सपने वाला बिहार बनाने की दिशा में मैं काम कर रहा हूं. जनता का आशीर्वाद मिलता रहा तो बहुत जल्द उनके सपने वाला बिहार बनाऊंगा और बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को पूरा करूंगा.चिराग पासवान ने आगे कहा कि बिहार में मौत का तांडव अपराधियों द्वारा रचा जा रहा है. बेगूसराय शूटआउट जैसी घटना कभी हमलोगों ने नहीं सुनी थी. बेखौफ अपराधियों का इतना मनोबल नहीं देखा था. चिराग ने सवाल पूछा, ये जंगल राज शब्द किसने दिया? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी शब्द की बदौलत सत्ता पर काबिज हुए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस जंगलराज को कोसते थे आज उन्हीं के साथ डबल जंगल राज ले आए.
चिराग ने कहा, नीतीश कुमार को डर था कि BJP उनकी पार्टी में तोड़फोड़ करेगी. इस डर से वो महागठबंधन में चले गए. मगर हमलोगों को अपना ध्यान अपनी पार्टी और बिहार की जनता पर देना है. चिराग पासवान और LJPR एक ऐसे नेता के आदर्श पर चल रहे हैं जिन्होंने बिहार की जनता के लिए सत्ता को ठुकरा दिया था. LJPR की यह सोच आज की नहीं है, शुरू से है. रामविलास पासवान अगर नीतियों से समझौता कर लिए होते तो 2005 में मुख्यमंत्री बन गए होते. वो लोग लड़ रहे हैं राज करने के लिए, हमलोग लड़ रहे हैं बिहार पर नाज करने के लिए.
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