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बिहार की 10 सीटों पर थ्री लेयर फॉर्मूले पर काम.

अमित शाह रोहिंग्या, बांग्लादेशी घुसपैठ के साथ धार्मिक ध्रुवीकरण की चल सकते हैं चाल .

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सिटी पोस्ट लाइव :आज बिहार की राजनीति में हलचल है.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे पर आज बिहार आ रहे हैं. 23 और 24 सितंबर को सीमांचल दौरे पर हैं. पूर्णिया में एक मेगारैली और किशनगंजन में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसके अलावा अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे.शाह के इस दो दिवसीय दौरे को दो कारणों से अहम माना जा रहा है. पहला बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार वे बिहार आ रहे हैं. दूसरा 48 घंटे तक वो ऐसे इलाके में प्रवास करेंगें जहां मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक हैं. एक ऐसा इलाका जहां के बारे में बीजेपी के नेता घुसपैठ से लेकर स्मगलिंग तक का आरोप लगाते रहे हैं.

एआईएमआईएम पिछले विधानसभा चुनाव में 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इसमें 14 अकेले सीमांचल के थे. इनमें से 5 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाबी मिली थी. हालांकि उनके 4 विधायक बाद में आरजेडी में शामिल हो गए थे. इसमें कोई दो-मत नहीं है कि बिहार के सीमांचल में ओवैसी ने अपनी जमीन तैयार कर ली है और इसका उन्हें परिणाम भी मिलने लगा है. बीजेपी यही स्ट्रैटजी यहां के हिंदूओं के लिए अपना सकती है.

हमेशा जाति के फैक्टर को कम करने के लिए ध्रुवीकरण का सहारा लिया जाता है. महागठबंधन की जातीय राजनीति पर बीजेपी की धर्म पर आधारित राजनीति भारी पड़ सकती है. धार्मिक ध्रुवीकरण के जरिये बीजेपी महागठबंधन की जातीय राजनीति को जबाब देने की अपने मकसद में कामयाब हो सकती है. मुस्लिम वोट अलग-अलग पार्टियों में बंट जाएगी और हिन्दू उन्हें एकमुश्त मिल सकता है.सीमांचल राज्य का एक ऐसा इलाका है जहां राज्य की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी निवास करती हैं. राज्य भर में मुस्लिमों की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 16% है.

सीमांचल के 4 लोकसभा क्षेत्रों में 30 से लेकर 70 प्रतिशत आबादी इसी समुदाय की है. सबसे ज्यादा लगभग 70% के वोटर्स केवल एक लोकसभा क्षेत्र किशनगंज में है. वहीं दूसरे स्थान पर कटिहार है, जहां मुस्लिम वोटर की संख्या 40 फीसदी, अररिया में 35 फीसदी, पूर्णिया में 33 फीसदी, ओवरऑल आबादी की बात करें तो ये लगभग 60-40 का रेशियो हो सकता है.बांगलादेश और नेपाल की सीमा से सटे बिहार के सीमांचल में लोकसभा की चार सीटें हैं. किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया. इनमें अभी सिर्फ एक सीट अररिया पर भाजपा का कब्जा है. तीन सीटें महागठबंधन के पास है.

इस अंकगणित को नीतीश कुमार ने एक महीने पहले ही बदला है. पहले ये तस्वीर बिलकुल उलट थी. एनडीए के पास तीन और महागठबंधन के पास मात्र किशनगंज की सीट थी. नीतीश कुमार के पाला बदलने से ये बिलकुल उलट गया.
अमित शाह रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं. वे स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी सूरत में रोहिंग्या को देश में बसने नहीं देंगे. बीजेपी लगातार कहते रही है कि बिहार का सीमांचल ही इलाका है जहां इनकी आबादी सबसे अधिक है। सीमांचल इलाके की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है. बीजेपी नेता के मुताबिक सीमांचल के इलाके में बसे बिहार के मुसलमान ही रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को बसाने का काम कर रहे हैं.

बिहार की 10 सीटों पर बीजेपी थ्री लेयर फॉर्मूले पर काम कर रही है. पहला राष्ट्रीय स्तर के नेता वहां सीधा संवाद करेंगे. इसके बाद प्रदेश के बड़े नेता और सांसद प्रवास करेंगे. इसके बाद जिले व प्रखंड स्तर के कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को लोगों को अपने पक्ष में काम करने की जिम्मेदारी दी जा रही है.अमित शाह की रैली से पहले प्रदेश स्तर के नेता यहां अपने बयानों से माहौल तैयार करने में जुट गए हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह कहकर विवाद बढ़ा दिया है कि बिहार के 2 जिलों में दुनिया के अंदर सबसे ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं. अफ्रीका के इथोपिया के बाद सबसे ज्यादा बच्चे किशनगंज और अररिया में पैदा होते हैं. जनसंख्या विस्फोट अगर इस तरह होगा तो इलाके का विकास नहीं होगा.

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