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न्यूरो हीलिंग पद्धति से बिना मेडिसिन और बिना ऑपरेशन के कई गम्भीर रोगों को ठीक किया जाता है – संत जगदीश मुनि

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सिटी पोस्ट लाइव : पंजाब के फाजिल्का में विश्व के पहली न्यूरो हीलिंग पद्धति से शरीर के विभिन्न अंग में हुए रोग का इलाज बिना मेडिसिन, बिना ऑपरेशन का किया जाता है। यह कोई आश्चर्य से कम नहीं है जहां लोग दवा खाते-खाते परेशान हो जाते हैं। दवा खाने से कई साइड इफेक्ट भी शरीर में देखे जाते हैं वहां बिना दवा, बिना ऑपरेशन मरीज ठीक हो रहा है। जिस कारण पंजाब हीं नहीं बल्कि देश के कोने-कोने एवम बिदेश से लोग अपने बीमारियों को ठीक कराने के लिए यहां आते हैं और ठीक हो कर चले जाते हैं। ईसके लिए कोई मोटी फीस भी नहीं ली जाती। संत जगदीश मुनि के आश्रम से लाखों लोग ठीक होकर भारत एवं अन्य देशों से आ चुके हैं।

आचार्य संत जगदीश मुनि के अनुसार न्यूरो हीलिंग पद्धति यानी कि प्राकृतिक पद्धति से और इस पर शोध करते हुए मैने अनुभव प्राप्त किया जिससे लाखों मरीज को सर्वाइकल ,माइग्रेन, कमर दर्द ,पेट के रोग से ग्रसित ,थायराइड ,ईएनटी , आंख, नाक, कान ,गला ,कब्ज व दस्त, कमर दर्द ,साइटिका ,अस्थमा ,पेशाब रोग व गुप्तरोग ,घुटने की दर्द व टांगों का दर्द इत्यादि का भी इलाज न्यूरो हीलिंग पद्धति से किया जा रहा है और सभी रोगों से छुटकारा दिलवा दिया जा रहा है।बिना थके बिना रुके प्रतिदिन 12 घंटे तक मानव सेवा करते रहते हैं साथ ही इनके फाजिल्का शिविर में भारत ही नहीं देश विदेश से भी लोग आते हैं जहां न्यूरो हीलिंग पद्धति के विशेष इलाज से ठीक हो जाते हैं यह इलाज बहुत कम खर्च यानी कि ₹10 रुपये एवम 20 रुपये पर यह इलाज किया जाता है या जो असहाय लोग हैं उनका इलाज निशुल्क भी किया जाता है ।

आचार्य संत जगदीश मुनि बताते हैं न्यूरो हीलिंग पद्धति प्राकृतिक चिकित्सा है और यह जो सिस्टम है हमारे प्राचीन समय से संत और महापुरुषों के द्वारा किया जाता था। यह प्राकृतिक चिकित्सा से शरीर के अंदर कहीं भी कोई रोग है जो मैं थीउरी तैयार की है और इस प्राकृतिक थिउरी, प्रेशर, रविंग, मसाज, वाइब्रेशन 6 प्रकार की थिउरी से पूरे बॉडी का हम इलाज करते हैं। शरीर में कोई भी ब्लॉकेज हो कहीं भी कोई सिस्टम जाम हो उसे हम ठीक करते हैं और मेरे यहां प्रत्येक महीने में 26 तारीख से लेकर के 10 तारीख तक फाजिल्का पंजाब में शिविर लगता है 15 तारीख से लेकर 25 तारीख तक पूरे इंडिया में अलग-अलग जगहों पर सिविर लगता है। जहां पूरे वर्ल्ड से अलग-अलग बीमारियों के मरीज आते हैं जो गम्भीर बीमारी है जैसे क्रोनिक बीमारी, जिसका पूरे पूरे वर्ल्ड में कहीं भी इलाज नही है जिसमे 3 मेन बीमारी है पहला सरेबल पारसी सीपी, दूसरा गेहू से एलर्जी ,तीसरा है पेरालाईसिस यानी लकवा इसका इलाज इस पद्धति से बिल्कुल सफल है । इलाज का कोर्स 5 दिनों का होता है। कोई भी बीमारी हो साधारण बीमारी है सर्वाइकल या पेट की बीमारी ,सिर दर्द है बाकी प्रॉब्लम है बीमारी है या बेक की प्रॉब्लम है इसके लिए 3 से 5 दिन तक इलाज किया जाए। बिल्कुल आसान इलाज है बिना दवाई बिना किसी ऑपरेशन के बाद नेचुरल इलाज किया जाता है।

जब में सुबह योग करता हूं तो ब्रह्मांड कितनी उर्जा बॉडी में आ जाती है बिना थके बिना रुके 12 घंटा तक मैं सेवा देता हूं । यह तो कुछ भी नहीं है। ब्रह्मांड में इतनी शक्ति है बहुत कुछ किया जा सकता है । मेरे माइंड और मेरे बॉडी में इतनी ऊर्जा इतनी शक्ति है कि हम या फिजिकल वर्क और सेवा दे रहे हैं। मेरे बॉडी से इतने रेस निकलते हैं दूर बैठे रोगियों को ठीक कर सकते हैं। जो गरीब लोग हैं इस पद्धति से फायदा ले सकता है । जो इलाज हम दे रहे हैं प्राचीन समय में राजाओं महाराजाओं के समय में ही था वही सिमट कर के लुप्त हो गया। हमने इस को उजागर किया है और हमारे भारत का कोई भी नागरिक हो उसके पास कुछ भी ना हो मेरे पास आकर इलाज ले सकता है । इसमें कोई भी बड़ा खर्च नहीं है ₹10 रुपये या 20 रुपये सेवा रखी है वह भी नहीं दे सकता अपना इलाज निशुल्क करा सकता है कोई भी बंधन नहीं है।

प्रदीप कुमार जायसवाल बताते हैं कि हम यहां आश्रम में अपनी पत्नी के इलाज कराने आए हैं। जहां बाबा न्यूरो हीलिंग सिस्टम के द्वारा सुप्रसिद्ध पद्धति से इलाज करते हैं । मेरी पत्नी को माइग्रेन का मर्ज था इलाज कराने के बाद मेरी पत्नी को बहुत राहत है। तंत्रिका और स्नायु दर्द से संबंधित बहुत सारा इलाज हो रहा है हमें यहां इलाज से बहुत राहत मिली है।

अनिल कटारिया बताते हैं कि न्यूरो हीलिंग सिस्टम की तरफ से प्रत्येक महीने में 26 से 10 तारीख तक कैंप लगाकर बाबा इलाज करते हैं। हम लोग यहां पर माइग्रेन सर्वाइकल घुटनों का परेशानी और व्हीट एलर्जी वाले बच्चों का इलाज करते हैं। इससे संबंधित किसी में अगर लक्षण दिखाई दे रहा है तो आकर अपना इलाज करवा लें। यहां पर देश ही नहीं विदेशों से भी लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं और उन्हें फायदा होता है।

 मुकुल जायसवाल की रिपोर्ट

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