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नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ने का मांझी ने किया दावा, दी जांच की चुनौती.

जीतन राम मांझी ने बताया 2025 में नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला,

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सिटी पोस्ट लाइव : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के 7 वें स्थापना दिवस को बोधगया में बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया.इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने हम के सात साल के सफर और अपने मुख्यमंत्रित्व काल की कई उपलब्धियों की चर्चा की. इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार (Nitish Government) पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को अपने लगाए आरोपों की जांच कराने की चुनौती दी.

मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना में बहुत घूसखोरी है. अगर मेरी बात पर विश्वास नहीं हो तो मुख्यमंत्री इसकी जांच करा लें, सारी सच्चाई सामने आ जाएगी. मैं चुनौती देता हूं कि अगर मेरी बात गलत साबित होती है तो आप जो बोलेंगे उसके लिए मैं तैयार हूं. बिहार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाती यानी SC और ST का विकास नहीं हुआ. जो काम उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए किया था उसको सरकार आगे नहीं बढ़ा रही है जिसकी वजह से उनके समाज के हालात आज भी खराब हैं.

हम के अध्यक्ष ने कहा कि मेरी वजह से दलित भी ठेके में आए हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जो गरीबी से संपन्न हुए. हमने बैठे-बैठे रोजगार दिया. कम से कम ठेके लेने के लिए संपन्न लोग पैसे दे रहे हैं, वो तो नही लें, दलितों को ठेकेदारी करने दें.मांझी ने नीतीश कुमार के वर्ष 2025 में भी बिहार का मुख्यमंत्री बनने को लेकर भविष्यवाणी कर दी. मांझी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार से हमारी मांग है कि दलितों की ठेके में हिस्सेदारी बढ़ाएं. साथ ही एक करोड़ रुपए तक के ठेके में SC और ST को आरक्षण भी दिया जाए. उन्होंने कहा कि महिलाओं, अल्पसंख्यक और दलितों को आरक्षण दीजिए, अगर आपने ऐसा कर दिया तो आप (नीतीश कुमार) 2025 में भी मुख्यमंत्री बनेंगे.

जीतन राम मांझी ने स्पष्ट लहजे में कहा कि आज जो भी पार्टी 10, 20 या 40 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा करती है, तो वो गलत बोलती है. अब इतनी संख्या में सरकारी नौकरी है ही नहीं. हां, संविदा पर नौकरी है जिसमें SC, ST और अति पिछड़ा समाज को नौकरी में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. छोटी-छोटी जातियां जिनका विकास दर 15 प्रतिशत से कम है उन्हें विशेष सुविधा मिलनी चाहिए. उन्हें स्टाइपेंड मिलना चाहिए नहीं तो इसके बग़ैर विकास संभव नहीं है.

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