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सहरसा के युवाओं को मिला नया तोहफा, सम्राट विश्वाश ने खोला क्रिकेट एकेडमी

क्रिकेट एकेडमी में सैंकड़ों युवा ले रहे हैं प्रशिक्षण 

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सहरसा में युवाओं को मिला नया तोहफा, सम्राट विश्वाश ने खोला क्रिकेट एकेडमी

सिटी पोस्ट लाइव स्पेशल : अगर हौसला और जुनून हो तो पहाड़ खोदकर भी दूध की दरिया बहाई जा सकती है। गालिब की ये पंक्तियां “कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों “सम्राट विश्वास पर बिल्कुल फिट बैठती है। सम्राट विश्वास बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन थे और और शैक्षणिक पढ़ाई से ज्यादा उन्हें क्रिकेट में ही मन लगता था। वर्ष 2003 में वह जब कक्षा आठ का छात्र थे, उसी समय उन्होंने अपने माता-पिता से बेहद जिद कर कर्नाटक इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिकेट में अपना दाखिला करवाया। पिता अजीत विश्वास सहरसा के नामचीन सीबीएससी स्कूल ट्यूशन ब्यूरो और वर्तमान में शांति निकेतन शिक्षण संस्थान के स्वामी और डायरेक्टर हैं।माँ सपना विश्वास और स्वीडन में रह रहे सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाई सुमीत विश्वास ने भी उनकी खूब हौसला अफजाई की।कम उम्र में ही उन्हें मनीष पांडे सरीखे खिलाड़ी के साथ प्रशिक्षण का मौका मिला। उन्होंने छोटी उम्र में ही कई बड़े खिलाड़ियों के साथ मैच खेले। ऑल राउंडर के तौर पर उनकी धीरे-धीरे मजबूत पहचान बन रही थी। वह देश के लिए खेलने का सपना लेकर वहां गए थे और उनका परफॉर्मेंस भी अव्वल दर्जे का था। लेकिन अचानक उनके संवरते कैरियर पर किसी की काली नजर लग गयी। पिता अजीत विश्वास को स्पाईनल प्रॉब्लेम हो गया और वे गम्भीर रूप से बीमार हो गए। बेंगलेरू के अस्पताल, अपोलो और एम्स सहित कई अस्पतालों में उनका ईलाज हुआ लेकिन मर्ज कम नहीं हो रहा था। पिता की ऐसी हालत सुनकर, वह वर्ष 2006 के अंतिम महीने में वापिस सहरसा लौट आये और फिर पिता को विभिन्य जगहों पर ले जाकर उनके ईलाज करवाये। पिता धीरे-धीरे ठीक हो गए लेकिन उनका सपना जमीनदोज हो गया। वह वापिस फिर लौटकर उस इंस्टिट्यूट में प्रशिक्षण के लिए नहीं जा सके। लेकिन उनके मन में कुछ बड़ा करने का सपना था,जो लगातार उनके जेहन में कुलाचें भर रहा था। उन्होंने फरवरी 2018 में सहरसा के मेनहा में सम्राट क्रिकेट एकेडमी की शुरुआत की। आज उस एकेडमी में 100 से अधिक बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। सारी जिम्मेवारी सम्राट विश्वास खुद निभा रहे हैं ।बीच-बीच में बाहर से भी सप्ताह भर के लिए नामचीन और बड़े कोच को भी वे यहां बुलाते हैं। धीरे-धीरे इस क्रिकेट एकेडमी का नाम काफी फैल रहा है। बिहार के विभिन्य जिलों के खिलाड़ी अब यहां प्रशिक्षण लेने पहुंचने लगे हैं।जिस तरह से इतनी कम आयु में सम्राट विश्वास अपने एकेडमी को तराश रहे हैं,उससे यह लग रहा है कि बहुत जल्द यह बिहार का श्रेष्ठतम एकेडमी बन जायेगा और इसकी ख्याति देश स्तर तक होगी। रहने,खाने से लेकर हर सुविधा से लैस पूर्वोत्तर बिहार का यह इकलौता क्रिकेट एकेडमी है,जिससे इलाके वालों को भी काफी उम्मीदें हैं। सिटी पोस्ट लाइव परिवार भी इस एकेडमी के बेहतर भविष्य की दुआ करता है।

सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट

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