सिटी पोस्ट लाइव :साईबर क्रिमिनल्स पटना पुलिस के लिए सबसे बड़ा सरदर्द बन चुके हैं.आये दिन ये बड़े बड़े कारनामे कर रहे हैं.पटना के पत्रकार नगर थाना पुलिस ने दो लड़कियों समेत पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गैंग के सदस्य लोगों के मोबाइल नंबरों पर कॉल, ई-मेल, SMS और व्हाट्सएप पर मैसेज भेजते थे. यह गैंग देश भर के लोगों को प्लान का ऑफर दे कर ठगी करता था. जो लोग इन साइबर अपराधियों के झांसे में फंस जाते थे उनसे यह प्रोसेसिंग फीस के अलावा जीएसटी इंश्योरेंस के नाम पर मोटी रकम ऐंठ लेते थे.
लोन का झांसा देकर देश भर के लोगों से ठगी करने वाले साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) गैंग के सदस्य आलीशान फ्लैट में अड्डा बना कर लोगों के मोबाइल नंबरों पर कॉल, ई-मेल, एसएमएस (SMS) और व्हाट्सएप पर मैसेज भेजते थे. पत्रकार नगर थाना की पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले नालंदा के रहने वाले गुलशन कुमार और कुणाल को पकड़ा. जब इनसे पूछताछ की गई तो बड़े फर्जीवाड़े और ठगी के रैकेट का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिस इनकी निशानदेही पर जब कंकड़बाग इलाके में हाउस नंबर 31 की तीसरी मंजिल पर पहुंची तो हैरान रह गई. इन दोनों शातिरों ने यह फ्लैट किराए पर ले रखा था. पुलिस ने देखा कि यहां किसी दफ्तर की तरह टेबल चेयर और बाकी तमाम चीजें थी. यहां से बैठकर सोनू कुमार, नेहा रानी और सुनीता कुमारी फोन कॉल कर देश भर के लोगों को झांसा देते थे और उन्हें ठगी का शिकार बनाते थे. पुलिस ने इन तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया है.
गिरफ्तार लड़कियों ने पूछताछ में पुलिस के सामने खुलासा किया कि उन्हें 25,000 से 30,000 रुपये की सैलरी पर रखा गया था. पुलिस ने इस शातिर गैंग के पास से 186 पन्नों का दस्तावेज जब्त किया है जिसमें भोपाल, ग्वालियर, मुंबई, शिलॉन्ग, मोहाली, चंडीगढ़, हैदराबाद समेत देश के अलग-अलग शहरों के रहने वाले हजारों लोगों के नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और उनकी सैलरी के बारे में जानकारी दर्ज है. पुलिस के मुताबिक गैंग के द्वारा इस पेपर (दस्तावेज) को मोटी रकम देकर खरीदा गया था. एक व्यक्ति हर दिन 100 लोगों को कॉल और मैसेज भेजता था. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लाख कैश. एक दर्जन मोबाइल फोन, पांच एटीएम कार्ड और एक प्रिंटर जब्त किया है. इसके अलावा पुलिस को तलाशी में यहां से एक बोतल शराब भी मिली है.आरोपियों ने बताया कि लोगों को किया जाने वाला फोन कॉल और उन्हें भेजे जाने वाले मैसेज पर्सनल लोन, होम लोन, इंस्टेंट लोन, बिजनेस लोन के नाम पर किया जाता था.
पुलिस के मुताबिक फोन कॉल और मैसेज भेजने के लिए जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था वो सभी फर्जी पते पर खरीदे गए थे. इनमें से ज्यादातर सिम पश्चिम बंगाल से खरीदे गए थे. शातिरों ने पुलिस को बताया कि फर्जी नाम-पते, एटीएम सहित सभी बैंक अकाउंट को 60,000 से लेकर एक लाख रुपये तक की कीमत देकर खरीदा गया था. ठगी के रुपए अकाउंट में डाले जाते थे. यही नहींं, जब्त किए गए जिन मोबाइल फोन में सिम पाए गए हैं वो सभी सिम सात से आठ हज़ार रुपये देकर खरीदे गए थे.
Comments are closed.