सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव में अभी 2 साल से अधिक समय है, ऐसे में एकबार फिर क्षेत्रीय पार्टियां तीसरा मोर्चा बनाने की बात कह रहे हैं. अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जोड़कर ये तीसरा मोर्चा तैयार करने की योजना है. वहीं इसे लेकर सुशील मोदी ने साफ़ कहा है कि ये प्रयास कभी सफल नहीं होने वाला है. पिछले बार भी तीसरे मोर्चे की कोशिश की गई थी. लेकिन उसका हश्र सबने देखा है.
वहीं उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी, चंद्रशेखर राव, उद्धव ठाकरे जैसे मुख्यमंत्रियों का प्रभाव केवल संबंधित राज्यों तक है। ऐसे लोगों की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा अचानक जगती है तो कोई फ्रंट बनाने निकल पड़ते हैं। देश की जनता वीपी सिंह, चंद्रशेखर, देवगौड़ा, गुजराल तक विपक्षी फ्रंट की कई कमजोर सरकारों का हश्र देख चुकी है और उन्हें सिरे से नकार चुकी है।
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में है और विदेशी मुद्रा भंडार में रिकार्ड वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि जब चंद्रशेखर सरकार के समय देश को सोना लंदन में गिरवी रखना पड़ा था। ऐसे फ्रंट की कमजोर सरकारें नकारात्मकता से भरी होती हैं, इसलिए विकास और स्थिरता में बाधक ही साबित होती हैं।
ममता बनर्जी यदि तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, केसीआर और उद्घव ठाकरे से हाथ मिला कर प्रधानमंत्री के लोकप्रिय नेतृत्व, केंद्र की मजबूत सरकार और समर्पित काडर वाली भाजपा को चुनौती देना चाहती हैं, तो वे कभी कामयाब नहीं होंगी। बता दें बीते दिनों बिहार के सीएम नीतीश कुमार को विपक्ष की ओर से सीएम कैंडिडेट बनाने की ख़बरें इसी मोर्चे में शामिल करने की कवायद है. जिसपर सीएम नीतीश ने ये बोलकर साफ़ कर दिया कि मैंने कभी इस पद के बारे में सोचा ही नहीं है.
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