सिटी पोस्ट लाइव : उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव के पहले बीजेपी और जेडीयू गठबंधन आमने सामने हैं. बीजेपी के साथ चुनावी समझौता फेल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष रणनीति बनाने में जुट गए हैं. वहीं जदयू द्वारा भाजपा से गठबंधन को लेकर काफी इन्तजार के बाद सीटों की घोषणा की गई. इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अपने ही दल के नेता और केन्द्रीय मंत्री RCP सिंह को जिम्मेवार मानते हैं.
सोमवार को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने यूपी में साथ आने का ऑफर जदयू को केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के माध्यम से दिया था. आरसीपी सिंह को इसका आकलन करना चाहिए कि भाजपा की ओर से मिला वह ऑफर कितना ईमानदारी से दिया गया था. ललन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर हम लोगों ने 30 सीटों की सूची सौंपी थी। हालांकि, उसके बाद भी भाजपा की ओर से कोई सकारात्मक उत्तर नहीं आया।
ललन सिंह ने कहा है कि जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यूपी में निषाद पार्टी के संजय निषाद और अपना दल से ही गठबंधन होने का ऐलान किए तो यह हमारे लिए चौंकाने की बात थी। उन्होंने कहा कि यूपी में अब भाजपा के साथ गठबंधन की उम्मीद खत्म हो चुकी है। ललन सिंह ने कहा कि भाजपा हमें भाव दे या न दे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हालांकि बाद में ललन सिंह ने कहा कि गठबंधन न होने को लेकर वे किसी को दोषी नहीं मानते।
आरसीपी सिंह यूपी में गठबंधन को लेकर भाजपा से बात कर रहे थे। उन्होंने ही हमें भाजपा की ओर से मिले ऑफर की जानकारी दी थी। पार्टी इसी भरोसे पर रह गई। भाजपा ने कुछ सीटें ऑफर करने की बात कही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गौरतलब है कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को दिल्ली में चुनाव के लिए 26 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. पार्टी ने केंद्रीय इस्पात मंत्री आर. सी. पी. सिंह की ओर से भाजपा आलाकमान के बीच बातचीत विफल होने के बाद चुनाव के लिए 51 उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया.
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