सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शराबबंदी को लेकर लगातार सरकार घिरती नजर आ रही है. विपक्ष का आरोप है कि सीएम नीतीश कुमार ने ही बिहार में शराब माफियाओं को संरक्षण दे रखा है. यही वजह है कि शराब लोगों को घर-घर डिलीवरी दी जा रही है. यही नहीं शराबबंदी वाले राज में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों ने नीतीश सरकार को एकबार फिर इसे सख्ती से लागू करने के लिए विवश कर दिया. जिसके बाद आज फिर सीएम नीतीश के आवाहन पर बिहार के 8 लाख कर्मचारियों ने आजीवन शराब न पीने और न बिकने की शपथ ली है.
आज नशा मुक्ति दिवस के मौके पर पटना सहीत राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में पदाधिकारी और कर्मचारी के तरफ से आजीवन शराब नहीं पीने और दूसरे को इसका सेवन नहीं करने देने की शपथ लिया गया. ज्ञान भवन में आयोजित मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के द्वारा नशा मुक्ति दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिरकत किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शराबबंदी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ को भी हरी झंडी दिखाई. वहीं CM नीतीश कुमार ने शपथ दिलाया. शपथ लेने के बाद सभी को हस्ताक्षर कराया गया. इस मौके पर सभागार में शराबबंदी को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए.
सरकार के तरफ से ये आदेश दिया गया कि 26 नवंबर को शपथ लेने से वंचित सरकारी कर्मियों को हफ्ते भर के अंदर शपथ लेकर उसका इसकी वीडियोग्राफी विभाग को सौंपे. मद्य निषेध विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि मुख्यालय प्रमंडल और जिला स्तर पर सभी कर्मचारियों का शपथ पत्र भरवा कर उसकी वीडियोग्राफी करवाए. सभी विभागों को शपथ लेने का रिकॉर्ड 1 सप्ताह के अंदर मद्य निषेध विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है. मुख्य सचिवालय, विधानसभा ,सभी विभागों, बिहार पुलिस मुख्यालय, थाने, जिले, प्रखंड और पंचायतों में सभी सरकारी कर्मी अपने अपने कार्यालय के प्रांगण में शपथ ग्रहण लिया गया.
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