सिटी पोस्ट लाइव :दिवाली के मौके पर राज्य में जहरीली शराब पीने से दो दर्जन से ज्यादा हुई मौतों को लेकर सिआसत गरमा गई है.लालू यादव और तेजस्वी यादव तो लगातार हमलावर हैं ही अब कांग्रेस पार्टी ने भी ऑल पार्टी मीटिंग की मांग कर दी है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर बिहार में कोई नियंत्रण नहीं है. सर्वदलीय बैठक बुलाकर बिहार सरकार शराबबंदी कानून की समीक्षा करे क्योंकि इसकी समीक्षा समय की जरूरत है. इस मामले पर विपक्षी दल राजद और कांग्रेस ने सरकार को कटघरे मैं खड़ा किया है. राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी रामबली चंद्रवंशी ने जहरीली शराब कांड को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है.
गौरतलब है कि विपक्ष की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि बिहार में शराबबंदी कानून को वापस ले लिया जाए. हालांकि, कई सामाजिक क्षेत्र के लोग इस कानून को बरकरार रखने के पक्ष में हैं.अब 25 लोगों की मौत के बाद सियासत भी तेज हो गई है. जहरीली शराब से गोपालगंज और बेतिया में हुई मौत के बाद कांग्रेस ने शराबबंदी कानून पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है.एक तरफ जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दलों ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है. भाजपा ने जहरीली शराब कांड के बाद आरोप लगाया है कि बिहार में विपक्ष के नेताओं के संरक्षण में शराब का धंधा फल-फूल रहा है. जदयू प्नवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि जहरीली शराब से हुई मौत की घटना दुखद है, लेकिन सरकार शराबबंदी कानून को दृढ़ता से लागू करने के लिए कृत संकल्प है.
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट शराबबंदी को प्रशासन में बैठे चंद लोग ही पलीता लगाने में जुटे हुए हैं. एक बार फिर से बिहार में जहरीली शराबकांड ने तांडव मचाया है और लोग बेमौत मर रहे हैं. पहले मुजफ्फरपुर, फिर गोपालगंज और अब बेतिया, 10 दिनों के अंदर इन 3 जिलों में जहरीली शराब पीने से 35 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. सवाल यही है कि जिस राज्य में शराबबंदी कानून लागू हो उस राज्य में लोग जहरीली शराब पीकर भला क्यों और कैसे मर रहे हैं?
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