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बिहार में कांग्रेस से ज्यादा मजबूत है चिराग पासवान की जमीन

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधान सभा की दो सीटों के लिए हो रहे उप-चुनाव में मतदाताओं ने कांग्रेस अप्रत्य और चिराग पासवान की पार्टी को गंभीरता से नहीं लिया. बिहार विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव के नतीजे ये बताने के लिए काफी हैं कि कांग्रेस पार्टी और चिराग पासवान बिहार में अकेले कुछ खास नहीं कर सकते. लेकिन अगर दोनों महागठबंधन के साथ हो जायें तो NDA की चुनौती जरुर बढ़ा सकते हैं. दोनों  जगहों पर चिराग पासवान  की पार्टी को लगभग 5 हजार वोट मिले, मतलब आगामी विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी का साथ जिसे मिलेगा वो 5000 वोटों से हारने से बच जाएगा. इस उप-चुनाव में विधान सभा चुनाव की तरह ही चिराग पासवान JDU को हराना चाहते थे लेकिन ये सपना पूरा नहीं हो पाया.

चिराग ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र से अंजु देवी को अपना उम्मीदवार बनाया था. उन्हें महज 5,623 वोट से संतोष करना पड़ा. हालांकि वह इतना वोट पाकर भी तीसरे स्थान पर रहीं, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव की लोजपा उम्मीदवार पूनम कुमारी की तुलना में उन्हें 50 प्रतिशत से भी कम वोट मिले. पूनम कुमारी तीसरे स्थान पर रही थीं और उन्हें 13,362 वोट मिले थे. तारापुर सीट से चिराग ने चंदन सिंह को उम्मीदवार उतारा था, लेकिन उन्हें भी 5,350 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहना पड़ा. पिछले चुनाव में यहां से लोजपा की मीना देवी तीसरे स्थान पर रही थीं और उन्हें 11,264 वोट मिले थे.चिराग उप-चुनाव में तो JDU को झटका नहीं दे पाये लेकिन ये संदेश देने में जरुर कामयाब रहे कि कांग्रेस से ज्यादा मजबूत उनकी जमीन है.

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