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नीति आयोग की रिपोर्ट और मानकों पर बिहार सरकार ने उठाए सवाल

रैंकिंग में बिहार 28वें पायदान पर, मंत्री ने कहा-बिहार में गाड़ियाँ बढ़ी फिर गरीबी कैसे नहीं हुई?

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सिटी पोस्ट लाइव : नीति आयोग (NITI Ayog) द्वारा इस साल जून में वर्ष 2020-21 की जारी रिपोर्ट पर बिहार सरकार ने सवाल खड़ा कर दिया है.इस रिपोर्ट में बिहार को विभिन्न विकास के मानकों के आधार पर देश में 28 वें नंबर पर रखा गया था. बिहार के योजना विकास मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव (Bihar Minister Vijendra Yadav) ने कहा है कि बिहार ने सड़क, पुल-पुलिया से लेकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बिजली और स्वास्थ सुविधाओं में बढ़ोतरी की है जबकि गरीबी घटाने जैसे मामले में भी राज्य ने काफी प्रगति की है. नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में राज्य की प्रगति को शामिल नहीं किया है और यह बिहार के साथ न्याय नहीं है.

मंत्री ने कहा है कि योजना एवं विकास विभाग द्वारा नीति आयोग को एक ज्ञापन भेजा गया है, जिसमें मानक बदलने की भी बात कही गई है. बिहार सरकार की तरफ से भेजे गए ज्ञापन में साल 2019 में राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर 10.5% बताया गया है जबकि इसी दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर 4.2% रहा है. साल 2018-19 में भी यह आंकड़ा 9.3 और 6.1% रहा था. ज्ञापन में कहा गया है कि बिहार ने गरीबी दर में पिछले 6 सालों में 21% की कमी की है. साल 2005 में गरीबी दर 54. 4% थी जो साल 2011 में 33.7% हो गया था. इन सालों में राष्ट्रीय स्तर में कमी केवल 12.5% की ही रहे लेकिन राज्यों की रैंकिंग में इस बात की चर्चा नहीं की गई है.

मंत्री के अनुसार गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों की संख्या साल 2011 के आंकड़ों के आधार पर चली आ रही है जबकि नया आंकड़ा सामने आना चाहिए. बिहार में पिछले 6 साल में प्रति व्यक्ति विकास पर खर्च 17.9% बढ़ गया है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर यह बढ़त 11.6% ही है. मंत्री ने दावा किया कि बिहार में काफी अच्छे काम हुए हैं जिनको शामिल किए बगैर रिपोर्ट जारी कर दिया गया है.

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