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जातिगत जनगणना पर मांझी-सहनी को जवाब देने के लिए बीजेपी ने उतार दी मंत्रियों की फौज

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सिटी पोस्ट लाइव : जातीय जनगणना को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है. तेजस्वी यादव तो मांग कर ही रहे हैं अब जातीय जनगणना को लेकर जिस तरह से हम पार्टी सुप्रीमो जीतनराम मांझी और वीआइपी पार्टी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है, बात बिगडती जा रही है. NDA में शामिल ये दोनों नेता बीजेपी के निशाने पर आ गये हैं. बीजेपी ने अपने कई नेताओं को एकसाथ उनकी घेराबंदी में लगा दिया है.नीरज बबलू, जनक राम, अमरेंद्र प्रताप सिंह ने मांझी और सहनी पर जोरदार हमला किया है.

नीरज बबलू ने कहा है कि मांझी जी को इस उम्र में ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए. इस राज्य में जातिगत जनगणना से ज्यादा जरुरी अल्पसंख्यकों की गिनती जरुरी है, ताकि जो लोग बाहर से आकर अवैध रूप से रह रहे हैं, उसकी सही जानकारी सामने आ सके. उन्होंने मांझी को जनसंख्या नियंत्रण पर बात करने की नसीहत तक दे दी है.बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि जातिय जनगणना जरुरी है, लेकिन जीतन राम मांझी को ऐसा लगता है, तो उनका नजरिया है. जातिगत जनगणना नहीं होने से कोई पहाड़ नहीं टूट रहा है. बिना जातिगत जनगणना के भी पिछड़ों के विकास के लिए बेहतर काम हो रहा है. उन्होंने बिहार भाजपा के द्वारा जातिगत जनगणना का समर्थन करने का बचाव भी किया. मंत्री ने कहा कि हमारी बात अलग है, लेकिन केंद्र को लगता है कि इसमें कई प्रकार की कठिनाई है, तो हमें केंद्र का समर्थन करना चाहिए.

जातिगत जनगणना के लिए पांच करोड़ देने की घोषणा करनेवाले मुकेश सहनी को निशाने पर लेते हुए मंत्री जनक राम ने कहा कि छोटी छोटी पार्टियों को लगता है कि जातिगत जनगणना से उन्हें पिछड़ो का वोट हासिल हो जाएगा. अगर वह ऐसा सोचते हैं, तो उनकी गलतफहमी है. इस दौरान जनक राम ने जीतन राम मांझी को काम से फुरसत निकालकर अयोध्या जाकर श्रीराम से मिलने की नसीहत भी दे डाली.

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